Uddhav Thackeray Resigns : इस्‍तीफा देने के बाद बेटे आदित्य ठाकरे के साथ मंदिर पहुंचे उद्धव

Uddhav Thackeray Resigns: सुप्रीम कोर्ट से झटका लगने के बाद महाराष्ट्र की महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के मुखिया उद्धव ठाकरे ने फेसबुक लाइव (LIVE) किया और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 30, 2022 6:40 AM

Uddhav Thackeray Resigns: सुप्रीम कोर्ट से झटका लगने के बाद महाराष्ट्र की महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के मुखिया उद्धव ठाकरे ने फेसबुक लाइव (LIVE) किया और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. महाराष्ट्र की जनता और शिवसेना के बागी विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि हमने जिन्हें बड़ा बनाया, उन्होंने हमें धोखा दिया. मैंने आपको बड़ा करने का पाप किया, उसका फल भुगत रहा हूं.

इस्‍तीफा देने के बाद पूजा

उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद अपने आवास मातोश्री लौट चुके हैं. उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में अपना इस्तीफा सौंपने के बाद अपने बेटे आदित्य ठाकरे के साथ एक मंदिर में पूजा की.


बागी विधायकों को सुनायी खरी-खोटी

उद्धव ठाकरे ने फेसबुक लाइव के माध्‍यम से बागी विधायकों को जमकर खरी-खोटी सुनायी. कहा कि आपको हमने सब कुछ दिया, लेकिन आपने मेरे साथ धोखा किया. हमने जिसे कुछ नहीं दिया, वे मेरे लिए सब कुछ करने को तैयार हैं. उन्होंने पूछा कि कल फ्लोर टेस्ट है. क्या होगा? शिवसेना, महा विकास आघाड़ी के पास कितने लोग हैं? इसका क्या मतलब है? मुझे इससे कोई मतलब नहीं है कि कल फ्लोर टेस्ट होगा, उसमें क्या होगा?

Also Read: महाराष्ट्र कैबिनेट ने दो शहर और एक एयरपोर्ट के नाम बदले, कांग्रेस ने की पुणे का नाम बदलने की मांग
आपने बाला साहेब के बेटे को सीएम के पद से हटाने का पुण्य किया

उद्धव ने कहा, ‘ठीक है, आपकी इच्छा. आप जिन लोगों के साथ हैं, शायद कल बहुमत साबित कर देंगे. जिन लोगों को शिवसेना ने राजनीतिक जन्म दिया. शिवसैनिकों ने जिनको बड़ा किया. आपको याद रखना चाहिए कि बाला साहेब ठाकरे के बेटे को मुख्यमंत्री के पद से हटाने का पुण्य आपने किया है.’


आप सबके सामने मुख्यमंत्री पद का त्याग कर रहा हूं

उन्होंने कहा कि आपको बड़ा करने का पाप मैंने किया है. मैं उस पाप का फल भोग रहा हूं. कल आप जाकर कहिए कि बाला साहेब ने हमें इतना बड़ा बनाया, हमने उनके बेटे को नीचा दिखाया. मुझे मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने का कोई दुख नहीं है. मैं पिछले बुधवार को वर्षा से मातोश्री आ गया था. मैं आज आप सबके सामने मुख्यमंत्री पद का त्याग कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि वह विधान परिषद की सदस्यता से भी इस्तीफा दे रहे हैं.

Also Read: महाराष्ट्र : आज ठाकरे सरकार का फ्लोर टेस्ट, उद्धव ने कहा- सीएम पद ठुकरा देता, तो नालायक कहलाता
सुप्रीम कोर्ट से उद्धव ठाकरे को लगा झटका

सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के उस निर्देश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया, जिसमें उद्धव ठाकरे नीत महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार को बृहस्पतिवार को विधानसभा में शक्ति परीक्षण के लिए कहा गया है. शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उद्धव ठाकरे नीत खेमा पार्टी के अंदर ही अल्पमत में है और विधानसभा में शक्ति परीक्षण विधायकों की खरीद-फरोख्त रोकने का सर्वश्रेष्ठ उपाय है.

शक्ति परीक्षण में विलंब से लोकतांत्रिक राजनीति को होगा नुकसान

एकनाथ शिंदे के वकील ने जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी परदीवाला की अवकाशकालीन पीठ से कहा कि शक्ति परीक्षण में किसी तरह का विलंब होने से लोकतांत्रिक राजनीति को और नुकसान होगा. शिंदे की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एनके कौल ने दलील दी कि स्पीकर के समक्ष (बागी विधायकों की) अयोग्यता कार्यवाही का लंबित रहना शक्ति परीक्षण में विलंब करने का कोई आधार नहीं है.

Also Read: एकनाथ शिंदे समेत बागी विधायकों के मुंबई पहुंचने से पहले पुलिस अलर्ट, नेताओं से भड़काऊ बयान न देने की अपील
लोकतंत्र की प्रक्रिया सदन के पटल पर होती है

कौल ने पीठ से कहा, ‘लोकतंत्र की प्रक्रिया सदन के पटल पर होती है और यही चीज किये जाने की मांग की जा रही है.’ कौल ने दलील दी, ‘सदन की रहने दीजिए, वे (उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना) पार्टी के अंदर ही अल्पमत में हैं.’ उन्होंने कहा कि उभरती स्थिति शक्ति परीक्षण की आवश्यकता बताती है और राज्यपाल ने अपने विवेकाधिकार से यह कराने का फैसला किया है.

एकनाथ शिंदे के वकील बोले- हम शिवसेना नहीं छोड़ रहे, हम शिवसेना हैं

शिंदे के वकील ने न्यायालय से कहा, ‘आज हम शिवसेना नहीं छोड़ रहे हैं. हम शिवसेना हैं. हमारे पास शिवसेना के 55 में से 39 विधायक हैं.’ दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के दौरान पीठ ने कहा, ‘हम समझते हैं कि सदन का पटल ही लोकतंत्र के इन मुद्दों का हल करने के लिए एकमात्र रास्ता है.’

कल शक्ति परीक्षण नहीं होगा, तो आपदा नहीं आ जायेगी- सिंघवी

अभिषेक मनु सिंघवी ने शीर्ष न्यायालय से कहा कि जिन लोगों ने पाला बदल लिया है, वे जनता की इच्छा को प्रदर्शित नहीं करते हैं. यदि कल शक्ति परीक्षण नहीं कराया जाता है, तो कोई आपदा नहीं आ जायेगी. उन्होंने दलील दी कि न्यायालय को उस वक्त तक शक्ति परीक्षण की अनुमति नहीं देनी चाहिए, जब तक कि डिप्टी स्पीकर कुछ बागी विधायकों की अयोग्यता पर फैसला नहीं कर लेते हैं.

एनसीपी के 2 विधायक कोरोना संक्रमित, दो विदेश में

सिंघवी ने कहा कि शक्ति परीक्षण अतिशीघ्र कराने का आदेश चीजों को गलत तरीके से या गलत क्रम में करने जैसा है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दो विधायक कोरोना वायरस से संक्रमित हैं, जबकि कांग्रेस के दो विधायक विदेश में हैं और उनसे बृहस्पतिवार को शक्ति परीक्षण में हिस्सा लेने को कहा गया है.

कल 11 बजे सरकार को शक्ति परीक्षण कराने के लिए कहा

सिंघवी ने कहा कि शक्ति परीक्षण कराने का मतलब संविधान की 10वीं अनुसूची को निष्क्रिय करने जैसा होगा. पीठ ने कहा कि 10वीं अनुसूची कड़े प्रावधानों वाला है और न्यायालय को इसे मजबूत करना चाहिए. विषय की सुनवाई जारी है. गौरतलब है कि राज्यपाल कोश्यारी ने महाराष्ट्र के विधान भवन के सचिव को बृहस्पतिवार पूर्वाह्न 11 बजे एमवीए सरकार का शक्ति परीक्षण कराने को कहा है.

Next Article

Exit mobile version