मुंबई : महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को सख्त रुख अख्तियार करते हुए कहा कि अगर लोग गैर-जरूरी यात्रा करने से परहेज नहीं करेंगे, तो सरकार बस और ट्रेन सेवाओं को बंद करने का ‘कड़ा फैसला’ लेने पर मजबूर हो जाएगी. राज्य कैबिनेट की साप्ताहिक बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए ठाकरे ने लोगों से गैर जरूरी यात्रा नहीं करने और बिना वजह एक जगह जमा नहीं होने की अपील भी की. उन्होंने कहा कि सरकारी दफ्तरों में सात दिन की कोई छुट्टी नहीं है, जैसा मीडिया के एक तबके में खबर दी गयी है.
ठाकरे ने कहा कि प्रशासन 50 फीसदी क्षमता के साथ सरकारी कार्यालयों को काम करने की इजाजत देने पर काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि मंगलवार तक महाराष्ट्र में कोरोना वायरस से 40 लोग संक्रमित हुए हैं. एक व्यक्ति की मौत हुई है. ठाकरे ने कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमित 39 मरीजों की हालत स्थिर है, जबकि एक की स्थिति गंभीर है. संक्रमित लोगों में 26 पुरुष और 14 महिलाएं हैं. उन्होंने कहा कि कैबिनेट बैठक में राज्य की मौजूदा हालत और कोरोनो वायरस को फैलने से रोकने के लिए उठाये गये कदमों पर चर्चा की गयी.
ठाकरे ने कहा कि मुंबई में सरकारी कार्यालयों और सार्वजनिक परिवहन को बंद नहीं किया जाएगा. अगर लोगों ने संयम नहीं बरता और गैर-जरूरी यात्रा करने से परहेज नहीं किया, तो हम कड़े फैसले लेने पर बाध्य हो जाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि पुणे में दुकानदारों का अपनी दुकानों को बंद रखने का फैसला उनका खुद का है और अन्य लोग भी इसका अनुकरण करें, तो अच्छा है.
उन्होंने कहा कि यह अच्छा रहेगा कि अन्य शहरों के दुकानदार भी अपनी दुकानों को खुद बंद रखें, लेकिन इसमें किराने के सामान रखने वाले जैसे जरूरी सेवाओं के दुकानदार शामिल नहीं हों. ठाकरे ने कहा कि सरकार ने बस और ट्रेन सेवा को बंद रखने का अब तक फैसला नहीं किया है. उन्होंने कहा कि यह जरूरी सेवाएं हैं और हमारी इन्हें बंद करने की मंशा नहीं है. यातायात काफी कम हुआ है. लोग सिर्फ आपात स्थिति में ही अपने घरों से बाहर निकलें.
उन्होंने कहा कि अगले 15 दिन अहम हैं. लोगों को आत्म-अनुशासन में रहने की आवश्यकता है. ठाकरे ने कहा कि भीड़ को जमा होने से रोकने के लिए (कुछ समय के लिए) सभी धार्मिक स्थलों को बंद कर दिया जाना चाहिए.