UGC final year exam 2020: यूनिवर्सिटी स्टूडेंट बिना एग्जाम प्रमोट नहीं होंगे, देनी होगी फाइनल ईयर परीक्षा

UGC final year exam 2020, UGC guidelines for ugc antim varsh ki pariksha: कोरोना वायरस संकट के बीच देश भर के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में स्नातक कोर्सेज की अंतिम वर्ष की परीक्षाओं 30 सितंबर तक हर हाल में कराना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को यूजीसी के दिशा-निर्देशों को हरी झंडी दे दी. हालांकि, कोरोना से प्रभावित क्षेत्रों में जरूर कुछ रियायत दी जा सकती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 28, 2020 11:40 AM

UGC final year exam 2020, UGC guidelines for ugc antim varsh ki pariksha: कोरोना वायरस संकट के बीच देश भर के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में स्नातक कोर्सेज की अंतिम वर्ष की परीक्षाओं 30 सितंबर तक हर हाल में कराना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को यूजीसी के दिशा-निर्देशों को हरी झंडी दे दी. हालांकि, कोरोना से प्रभावित क्षेत्रों में जरूर कुछ रियायत दी जा सकती है.

देश की शीर्ष अदालत ने माना है कि राज्‍य सरकारें परीक्षा रद्द कर सकती हैं मगर यूजीसा बगैर परीक्षा के छात्रों को प्रोमोट कर डिग्री नहीं दे सकती. जानकारी के मुताबिक, कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि यूजीसी की गाइडलांइस में कोई बदलाव नहीं होगा तथा कोर्ट इन्‍हें सही मानती है. कोर्ट ने कहा कि छात्रों को पास करने के लिए एग्जाम जरूरी हैं.

राज्यों को 30 सितंबर तक एग्जाम कराने होंगे. कोर्ट ने कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत राज्य महामारी को ध्यान में रखते हुए परीक्षा स्थगित कर सकते हैं और यूजीसी के साथ चर्चा कर नई तिथियां तय कर सकते हैं. यूजीसी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों को कोरोना महामारी के बीच फाइनल ईयर के एग्जाम 30 सितंबर तक आयोजित कराने के संबंध में छह जुलाई को जारी निर्देश कोई फरमान नहीं है, लेकिन परीक्षाओं को आयोजित किए बिना राज्य डिग्री प्रदान करने का निर्णय नहीं ले सकते.

यूजीसी ने कोर्ट को बताया था कि यह निर्देश छात्रों के लाभ के लिए है क्योंकि विश्वविद्यालयों को स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों (पीजी कोर्सेज) के लिए प्रवेश शुरू करना है और राज्य प्राधिकार यूजीसी के दिशा-निर्देशों को नजरअंदाज नहीं सकते हैं.

यूजीसी ने छह जुलाई को देशभर के विश्वविद्यालयों को 30 सितंबर तक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं आयोजित करने का निर्देश दिया था. उसने कहा था कि अगर परीक्षाएं नहीं हुईं तो छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा. यूजीसी की इस गाइडलाइंस को देश भर के कई छात्रों और संगठनों ने याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती थी. याचिकाओं में कहा गया था कोविड-19 महामारी के बीच परीक्षाएं करवाना छात्रों की सुरक्षा के लिए ठीक नहीं है. यूजीसी को परीक्षाएं रद्द कर छात्रों के पिछले प्रदर्शन और आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर परिणाम घोषित करने चाहिए

Posted By: Utpal kant

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