Ukraine : मैं जीना चाहता हूं, भारत सरकार मुझे यहां से निकाले, कीव में गोलीबारी का शिकार हुए छात्र की अपील
मीडिया से बात करते हुए भारतीय छात्र हरजोत सिंह ने कहा कि मुझे दूसरी जिंदगी मिली है, मैं जीना चाहता हूं. मैं भारतीय दूतावास से यह आग्रह करता हूं कि वे मुझे यहां से निकालें.
कीव से निकलने के दौरान गोलीबारी के शिकार हुए भारतीय छात्र हरजोत सिंह अभी अस्पताल में हैं और उनकी स्थिति में तेजी से सुधार हो रहा है. वे अब खतरे से बाहर बताये जा रहे हैं. उन्होंने मीडिया के जरिये भारत सरकार से यह अनुरोध किया है कि उन्हें यूक्रेन से निकाला जाये, वे जीना चाहते हैं.
घायल छात्र ने कहा-मैं जीना चाहता हूं
आज उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुझे दूसरी जिंदगी मिली है, मैं जीना चाहता हूं. मैं भारतीय दूतावास से यह आग्रह करता हूं कि वे मुझे यहां से निकालें. वे मुझे व्हीलचेयर उपलब्ध करायें और दस्तावेज बनाने में मदद करें. मैं सरकार से कहना चाहता हूं कि अगर आप मौत के बाद चार्टर्ड प्लेन भेजते हैं तो उसका कोई फायदा नहीं है.
#WATCH "No support from the Indian embassy yet. I have been trying to get in touch with them, every day they say we will do something but no help yet," says Harjot Singh, an Indian who sustained multiple bullet injuries in war-torn Ukraine, receiving treatment at a Kyiv hospital pic.twitter.com/8oc9urO74s
— ANI (@ANI) March 4, 2022
27 फरवरी को कार पर हुई थी फायरिंग
हरजोत सिंह ने घटना की जानकारी दी कि वे अपने तीन साथियों के साथ 27 फरवरी को कीव छोड़कर निकल रहे थे. लेकिन तीसरी सुरक्षा चौकी के पास हमसे यह कहा गया कि सुरक्षा कारणों से आप वापस जायें. हम वापस लौट रहे थे, उसी वक्त हमारी कार पर फायरिंग हुई और मुझे कई गोलियां लग गयी और मैं बुरी तरह घायल हो गया.
वीके सिंह ने दी थी हरजोत के घायल होने की सूचना
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने हरजोत सिंह पर हुए हमले की जानकारी दी थी और बताया था कि कीव से निकलने के दौरान उनपर गोलीबारी हुई और इलाज के लिए उन्हें कीव वापस जाना पड़ा है.
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यूक्रेन में एक छात्र की हो चुकी है मौत
अबतक यूक्रेन में एक भारतीय छात्र नवीन शेखरप्पा की मौत हुई है. वह खाने की लाइन में खड़ा था उसी वक्त फायरिंग हुई थी और नवीन की मौत हो गयी थी. वह कर्नाटक का रहने वाला था .
दूतावास से नहीं मिल रही मदद
हरजोत सिंह ने कहा कि मैं दूतावास से संपर्क बनाने की कोशिश कर रहा हूं, वे रोज यह कहते हैं कि हम कुछ कर रहे हैं, लेकिन अबतक कोई मदद नहीं मिली है. मैं अपने देश जाना चाहता हूं मुझे कई गोलियां लगी है, सरकार मुझे यहां से बाहर निकाले.