Ukraine में मौजूदा स्थिति को देखते हुए भारत ने स्थापित किए नियंत्रण कक्ष, विदेश मंत्रालय ने दी जानकारी
Ukraine Crisis यूक्रेन में अनिश्चितता की स्थिति के बीच भारत सरकार ने बुधवार को नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है. विदेश मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया कि यूक्रेन में मौजूदा स्थिति को देखते हुए नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है.
Ukraine Russia Conflict यूक्रेन में अनिश्चितता की स्थिति के बीच भारत सरकार ने बुधवार को नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है. विदेश मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया कि यूक्रेन में मौजूदा स्थिति को देखते हुए नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है. मंत्रालय का कहना है कि यूक्रेन में भारतीय दूतावास में 24 घंटे की हेल्पलाइन भी स्थापित की गई है.
यूक्रेन से उड़ान सेवाएं बढ़ाने पर विचार कर रही है सरकार
भारत ने कीव में अपने दूतावास और यहां विदेश मंत्रालय में यूक्रेन में रह रहे छात्र और उनके परिवारों को उड़ानों की उपलब्धता सहित अन्य जानकारी देने के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित किए है. वहीं, रूस के साथ तनावपूर्ण स्थिति के मद्देनजर पूर्वी यूरोपीय देश में मौजूद अपने नागरिकों को वहां से निकलने की सुविधा देने के लिए सरकार भारत और यूक्रेन के बीच उड़ान सेवाएं बढ़ाने की संभावनाएं खंगाल रही है. आधिकारिक सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि भारत और यूक्रेन के बीच उड़ानों की संख्या कैसे बढ़ाई जाए इसे लेकर नागर विमानन प्राधिकरण और विभिन्न एयरलाइंस के बीच बातचीत जारी है.
Control Room established in Ministry of External Affairs in view of the prevailing situation in Ukraine; 24-hour helpline also established at Embassy of India in Ukraine, says the Ministry. pic.twitter.com/9k1JOA9nT5
— ANI (@ANI) February 16, 2022
छात्रों को दी गयी ये सलाह
यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने मंगलवार को भारतीय नागरिकों, खास तौर से छात्रों को सलाह दी कि वे मौजूदा हालात की अस्थिरता के मद्देनजर अस्थाई रूप से यूक्रेन छोड़ दें. दूतावास ने भारतीयों को यूक्रेन की किसी भी गैरजरूरी यात्रा से बचने की भी सलाह दी. सूत्रों ने बताया कि भारतीय दूतावास यूक्रेन के घटनाक्रम पर नजर रखे हुए है. यूक्रेन की सीमा पर रूसी सैन्य शक्ति के बढ़ने के कारण रूस और नाटो देशों के बीच हालात तनावपूर्ण होने की पृष्ठभूमि में दूतावास ने परामर्श जारी किया है. यूक्रेन पर रूसी हमले की आशंका की पृष्ठभूमि में अपने सहयोगियों की मदद के लिए अमेरिका अतिरिक्त सैन्य टुकड़ी को पूर्वी यूरोप रवाना कर चुका है.