India-Ukraine: पीएम मोदी से यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने की फोन पर बातचीत, जानिए क्या हुई बात?
India-Ukraine: जेलेंस्की ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मैंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ फोन पर बात की और जी20 की सफल अध्यक्षता की कामना की. इसी मंच पर मैंने शांति फार्मूले की घोषणा की और अब मैं इसके कार्यान्वयन में भारत की भागीदारी की उम्मीद करता हूं.
PM Modi And Ukrainian President Telephone Conversation: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने सोमवार को कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ टेलीफोन पर बात की. जेलेंस्की ने कहा कि उन्होंने अपने शांति फार्मूले के कार्यान्वयन के लिए भारत की भागीदारी की उम्मीद करते हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उन्होंने जी20 में भारत की सफल अध्यक्षता के लिए मोदी को शुभकामनाएं भी दी. मीडिया एजेंसी ANI ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी ने आज यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ टेलीफोन पर बातचीत की.
PM Narendra Modi had a telephone conversation with Ukrainian President Volodymyr Zelenskyy today pic.twitter.com/PsVJca8oP9
— ANI (@ANI) December 26, 2022
जेलेंस्की ने ट्वीट कर दी इसकी जानकारी
जेलेंस्की ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मैंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ फोन पर बात की और जी20 की सफल अध्यक्षता की कामना की. इसी मंच पर मैंने शांति फार्मूले की घोषणा की और अब मैं इसके कार्यान्वयन में भारत की भागीदारी की उम्मीद करता हूं. मैंने मानवीय सहायता और संयुक्त राष्ट्र में समर्थन के लिए भी धन्यवाद दिया. हालांकि, भारत की ओर से शुरुआत में कोई जानकारी नहीं आयी थी. लेकिन कुछ देर बाद चिट्ठी जारी कर इसकि जानकारी दी गयी.
Also Read: Russia Ukraine War: इस शर्त के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं पुतिन, क्या खत्म होगा 9 महीनों से जारी युद्ध!मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ-साथ जेलेंस्की से भी कई बार बात की
फरवरी में यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद से मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ-साथ जेलेंस्की से भी कई बार बात की. चार अक्टूबर को जेलेंस्की के साथ फोन पर एक बातचीत में मोदी ने कहा कि कोई सैन्य हल नहीं हो सकता है और भारत किसी भी शांति प्रयास में योगदान देने के लिए तैयार है. भारत ने अभी तक यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की निंदा नहीं की है और वह इस बात पर कायम है कि इस मुद्दे का समाधान कूटनीति और बातचीत के माध्यम से किया जाना चाहिए.