नौकरशाही पर बयान मामले में उमा भारती ने दिग्विजय सिंह को लिखा पत्र, कहा-दादा मैं अपनी भाषा सुधारूंगी
उमा भारती का वह आपत्तिजनक बयान जब सोशल मीडिया में वायरल हुआ तो दिग्विजय सिंह ने उनके बयान की निंदा की और यह कहा था कि उमा भारती को अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए.
भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को पत्र लिखकर यह कहा है कि मैं अपनी भाषा में सुधार करूंगी. मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने पिछले दिनों नौकरशाही पर आपत्तिजनक बयान दिया था.
उमा भारती का वह आपत्तिजनक बयान जब सोशल मीडिया में वायरल हुआ तो दिग्विजय सिंह ने उनके बयान की निंदा की और यह कहा था कि उमा भारती को अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए.
ब्यूरोक्रेसी की औकात क्या है, वो तो हमारे चप्पल उठाती है, पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती का विवादित बयान
उमा आप मेरी छोटी बहन के नाते मुझे कम बोलने के लिए चेताती रही हैं। लेकिन आपने नौकरशाहों के ख़िलाफ़ जो अपशब्दों का उपयोग किया है वे घोर आपत्तिजनक हैं। https://t.co/DUgxL2jabH
— digvijaya singh (@digvijaya_28) September 20, 2021
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करके कहा-उमा आप मेरी छोटी बहन के नाते मुझे कम बोलने की सलाह देती हैं और हमेशा चेताती भी रहती हैं. लेकिन इस बार आपने नौकरशाहों के खिलाफ जिस तरह के अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया है वह ना तो सही है और ना ही उचित. नौकरशाह संविधान के अनुसार काम करते हैं इसलिए उनपर आपत्तिजनक टिप्पणी उचित नहीं.
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18-C) (3) भारतीय लोकतंत्र में ब्यूरोक्रेसी का सम्मान, उपयोगिता एवं योगदान बना रहे इस पर स्वयं ब्यूरोक्रेसी को सजग रहना होगा, राजनीतिक दल में काम करने वाले मेरे जैसे लोग ईमानदार एवं नियम के पालन में व्यावहारिक ब्यूरोक्रेसी का सम्मान करते रहेंगे।
— Uma Bharti (@umasribharti) September 21, 2021
उमा भारती ने दिग्विजय सिंह को लिखे पत्र में कहा कि नौकरशाही पर मैंने जो कुछ कहा, उसका मुझे अफसोस और दुख दोनों है. मैंने आपको कई बार कहा कि दादा असंयमित होकर बयान देते हैं, लेकिन मैंने खुद संयमित भाषा का प्रयोग नहीं किया, मैं अपनी भाषा सुधारूंगी. उमा भारती ने पिछले दिनों नौकरशाही पर आपत्तिजनक बयान दिया था, जिसपर उनकी खूब निंदा हुई थी.
ब्यूरोक्रेसी पर आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद उमा भारती ने ट्वीट किया- भारतीय लोकतंत्र में ब्यूरोक्रेसी का सम्मान एवं उपयोगिता बना रहें इसके लिए नौकरशाहों को खुद सजग रहना चाहिए. मेरे जैसे लोग ईमानदार एवं नियम के पालन में व्यावहारिक ब्यूरोक्रेसी का सम्मान करते रहेंगे. ब्यूरोक्रेट शासन के अधिकारी किसी राजनीतिक दल के घरेलू नौकर नहीं हैं.
Posted By : Rajneesh Anand