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क्या कोरोना से मौत का आंकड़ा कम करके बताया जा रहा है ? नयी रिपोर्ट कर रही है इशारा

एचएमआईएस के आंकड़े के अनुसार अप्रैल-मई 2021 में 827,597 मौतें दर्ज की गयी हैं, जो पिछले तीन वर्षों में सामने आये आंकड़ों से कहीं ज्यादा है. अप्रैल-मई 2021 में भारत में कोविड-19 से आधिकारिक रूप से मरने वालों की संख्या 168,927 बतायी जाती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 10, 2021 9:42 AM

देश में कोरोना संक्रमण से हुई मौत का मामला चार लाख के आंकड़े को पार कर रहा है दूसरी तरफ एक और आंकड़ा स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली की वेबसाइट पर है जो बताता है कि मौत का आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा है. इन आंकड़ों को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं.

एचएमआईएस के आंकड़े के अनुसार अप्रैल-मई 2021 में 827,597 मौतें दर्ज की गयी हैं, जो पिछले तीन वर्षों में सामने आये आंकड़ों से कहीं ज्यादा है. अप्रैल-मई 2021 में भारत में कोविड-19 से आधिकारिक रूप से मरने वालों की संख्या 168,927 बतायी जाती है.

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इन आंकड़ों को देखते वक्त और कोरोना संक्रमण से हुई मौत से इसकी तुलना करते वक्त इस बात का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है कि यह एचएमआईएस का आंकड़ा जो सामने आया है वो सभी तरह से हुई मौत का आंकड़ा है.

पिछले साल के आंकड़े से भी इसकी तुलना करें तो नये आंकड़ों में मरने वालों की संख्या ज्यादा है इस साल हुई मौत के आंकड़ों में बुखार और बीमारी से मरने वालों की संख्या ज्यादा है जो इशारा करता है कि इनकी मौत कोरोना से भी हुई हो ऐसा संभव है. हिंदुस्तान टाइम्स में छपी एक खबर के अनुसार ज्यादा आंकड़े सरकार ने ग्रामीण भारत से इकट्ठा किये गये हैं. यह सरकारी वेबसाइट है.

नागरिक पंजीकरण प्रणाली (सीआरएस) के आंकड़े तय समय पर सामने आते हैं. इन आंकड़ो को कोरोना संक्रमण के आंकड़े की तरह हर रोज जारी नहीं किया जाता. 2019-20 के आंकड़े जून 2021 में प्रकाशित हुए थे. आरएस और एचएमआईएस में दर्ज की गई कुल मौतों की तुलना से पता चलता है कि बाद में होने वाली मौतों को काफी कम करके आंका गया है.

अगर इन आंकड़ों पर गौर करें तो पायेंगे कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर 9 मई को चरम पर थी. मौत के आंकड़ों में सबसे ज्यादा तेजी 23 मई के बाद आया. हर दिन होने वाले संक्रमण और मौत के आंकड़ों की संख्या में भारी वृद्धि हुई. अप्रैल और मई 2021 के लिए एचएमआईएस डेटा मौतों की संख्या में तेज वृद्धि दर्शाता है. पिछले तीन वर्षों में 4 लाख से कम की तुलना में 8.28 लाख, जिसके लिए डेटा उपलब्ध है.

मौत के आंकड़ों में हर साल मामूली वृद्धि दर्ज की जाती है. 2020 में सामने आये मौत के आंकड़ों की संख्या में गिरावट दर्ज की गयी. इस समय लॉकडाउन एक महत्वपूर्ण कारण बनकर सामने आया है. इसका एक और कारण यह भी है कि एचएमआईएस पोर्टल में सामान्य से कम रिपोर्टिंग का परिणाम भी हो सकती है.

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एचएमआईएस का आंकड़ा हर तरह से डाटा के आंकलन की सहूलियत देता है. इसमें उम्र-वार और कारण-वार ब्यौरा देता है. अप्रैल-मई 2021 में वयस्क मौतों में 2020 के आंकड़ों की तुलना में 153% की वृद्धि हुई है. इन आंकड़ों में मातृत्व संबंधी मौतों में भी वृद्धि दर्ज की गयी है. बच्चों के लिए, मौतों में 14% की कमी दर्ज की गयी है.

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