UNGA : संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में कश्मीर पर दिए गए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बयान का भारत ने जोरदार जवाब दिया है. भारत ने अपने जवाब के अधिकार का इस्तेमाल किया और उनके बयान को बहुत ही घटिया बताया. महासभा में एक सत्र को संबोधित करते हुए भारतीय राजनयिक भाविका मंगलनंदन ने कहा कि सेना द्वारा संचालित एक देश, जो आतंकवाद, मादक पदार्थों, व्यापार और अंतरराष्ट्रीय अपराध के लिए दुनियाभर में बदनाम है वो दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर हमला कैसे कर सकता है.
भारतीय राजनयिक ने कहा कि सभा में दुखद रूप से एक हास्यास्पद बात सुनने को मिली. मैं पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के भाषण में भारत के संदर्भ के बारे में बात कर रही हूं. दुनिया जानती है कि पाकिस्तान ने अपने पड़ोसियों के खिलाफ हथियार के रूप में लंबे समय से सीमा पार आतंकवाद का इस्तेमाल किया है. पाकिस्तान ने हमारी संसद, हमारी कारोबारी नगरी मुंबई, बाजारों और तीर्थस्थलों पर आतंकी हमले करवाए. हमलों की सूची लंबी है. ऐसे में पाकिस्तान के लिए कहीं भी हिंसा के बारे में बात करना सबसे बड़ा पाखंड है.
सीमा पार से आतंकवाद के परिणाम भुगतने होंगे पाकिस्तान को : भाविका मंगलनंदन
भाविका मंगलनंदन ने कहा कि वास्तविक सच्चाई यह है कि पाकिस्तान लालच भरी निगाह से भारतीय क्षेत्र को देख रहा है. वास्तव में वह, भारत के अविभाज्य और अभिन्न अंग जम्मू और कश्मीर में चुनावों को बाधित करने के लिए लगातार आतंकवाद का इस्तेमाल करता रहा है. पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए भारत ने कहा कि पड़ोसी देश को यह समझ लेना चाहिए कि भारत के खिलाफ सीमा पार से आतंकवाद के परिणाम भुगतने होंगे.
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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने यूएनजीए में क्या कहा
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को महासभा के सालाना संबोधन में एक बार फिर कश्मीर का मुद्दा उठाया. उसने भारत पर बड़े पैमाने पर सैन्य क्षमता का विस्तार करने व पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) पर कब्जा करने के लिए नियंत्रण रेखा (एलओसी) को पार करने की धमकी देने का आरोप लगाया. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने मांग की कि भारत को 2019 में जम्मू- कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले को वापस लेना चाहिए. उन्होंने भारत पर अपनी मुस्लिम आबादी को अधीन करने और इस्लामी विरासत को खत्म करने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया.
(इनपुट पीटीआई)