भाजपा तीन प्रमुख एजेंडा को लेकर आगे बढ़ी थी, आर्टिकल 370 को हटाना, अयोध्या में राममंदिर का निर्माण और समान नागरिक संहिता को लागू करना. इनमें से दो एजेंडे को भाजपा सरकार लागू कर चुकी है, लेकिन तीसरा एजेंडा यानी समान नागरिक संहिता को लागू करने पर सरकार की ओर से अभी तक स्पष्ट रूप से कुछ भी नहीं कहा गया है.
समान नागरिक संहिता पर आज सरकार की ओर से राज्यसभा में बयान दिया गया. पीटीआई के अनुसार राज्यसभा में कानून मंत्री किरण रिजीजू ने कहा कि समान नागरिक संहिता की महत्ता और इस मुद्दे की संवेदनशीलता को देखते हुए देश में इसे लागू करने की कोई निश्चित समय सीमा बताना संभव नहीं होगा. किरन रिजीजू से यह सवाल किया गया था कि क्या सरकार देश में समान नागरिक संहिता को जल्दी ही लागू करने वाली है? इस सवाल के लिखित जवाब में किरन रिजीजू ने कहा कि समान नागरिक संहिता को अतिशीघ्र लागू करने की योजना सरकार की नहीं है.
किरन रिजीजू ने बताया कि संविधान के अनुच्छेद 44 में यह प्रावधान है कि पूरे देश के नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता लागू की जा सकती है. समान नागरिक संहिता एक महत्वपूर्ण विषय है और साथ ही यह मसला संवेदनशील भी है. देश में कई धर्मों के पर्सनल कानून हैं, यही वजह है कि सरकार ने विधि आयोग से समान नागरिक संहिता से संबंधित विभिन्न पक्षों की जांच करने और अपनी सिफारिश पेश करने का अनुरोध किया है. विधि आयोग की सिफारिश आने के बाद ही सरकार इस मसले पर आगे बढ़ेगी. यही वजह है कि अभी यह बताना संभव नहीं है कि सरकार समान नागरिक संहिता कब लागू करेगी.
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मोदी सरकार ने पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटा दिया और जम्मू-कश्मीर का विभाजन कर उसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया है. आज आर्टिकल 370 को हटाने के दो वर्ष पूरे हो गये हैं. वहीं राममंदिर निर्माण के लिए जब सुप्रीम कोर्ट ने पक्ष में फैसला दिया तो भाजपा सरकार ने बिना देरी किये पांच अगस्त 2020 को यहां मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन करा दिया. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि पूजन किया था. बताया जा रहा है कि 2023 तक अयोध्या के राम मंदिर में भगवान राम की प्रतिमा स्थापित कर दी जायेगी और 2025 तक मंदिर बनकर तैयार हो जायेगा.
Posted By : Rajneesh Anand