शादी की उम्र समान करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस, जानें पूरा मामला

Uniform Marriage Age For Men & Women सुप्रीम कोर्ट ने अश्विनी कुमार उपाध्याय की ओर से दायर याचिका पर नोटिस जारी किया है. मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने ये नोटिस जारी किया है, जिसमें याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील गीता लूथरा पेश हुई थी. याचिका में राजस्थान हाईकोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष लंबित उन याचिकाओं को स्थानांतरित करने की मांग की गयी है, जिसमें पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए विवाह की एक समान उम्र की मांग की गयी है. यह याचिकाएं इसलिए दायर की गयी हैं, ताकि मुकदमेबाजी और परस्पर विरोधी विचारों से बचा जा सके.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 2, 2021 5:07 PM
an image

Uniform Marriage Age For Men & Women सुप्रीम कोर्ट ने अश्विनी कुमार उपाध्याय की ओर से दायर याचिका पर नोटिस जारी किया है. मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने ये नोटिस जारी किया है, जिसमें याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील गीता लूथरा पेश हुई थी. याचिका में राजस्थान हाईकोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष लंबित उन याचिकाओं को स्थानांतरित करने की मांग की गयी है, जिसमें पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए विवाह की एक समान उम्र की मांग की गयी है. यह याचिकाएं इसलिए दायर की गयी हैं, ताकि मुकदमेबाजी और परस्पर विरोधी विचारों से बचा जा सके.

प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे ने वरिष्ठ वकील गीता लुथरा के प्रतिवेदन पर संज्ञान लिया, जिसमें कहा गया था कि इसी तरह की दो याचिकाएं हाईकोर्ट में लंबित हैं और उन्हें इस मुद्दे पर एक आधिकारिक आदेश के लिए सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर किया जा सकता है. याचिका में कहा गया है कि यह याचिका अनुच्छेद 14, 15 और 21 की व्याख्या पर मुकदमों की बहुलता और परस्पर विरोधी विचारों से बचने के लिए दायर की गयी है और इसमें लैंगिक न्याय और समानता से संबंधित निर्णय शामिल हैं.

लाइव लॉ.इन के अनुसार, याचिकाकर्ता ने कहा है कि जहां पुरुषों को 21 वर्ष की आयु में विवाह करने की अनुमति है. वहीं, महिलाओं को 18 वर्ष पर विवाह करने की अनुमति है. पुरुषों और महिलाओं के विवाह की निर्धारित आयु में यह अंतर पितृसत्तात्मक रूढ़ियों पर आधारित है, जिसका कोई वैज्ञानिक समर्थन नहीं है. वास्तव में ये महिलाओं के खिलाफ असमानता और पूरी तरह से वैश्विक रुझानों के खिलाफ है. याचिका में विभिन्न कानूनों के तहत शादी की उम्र को निर्धारित करने वाले प्रावधानों को उजागर किया गया है जो भेदभावपूर्ण हैं.

याचिका में कहा गया है, एक छोटे जीवनसाथी से अपने बड़े साथी का सम्मान और सेवा करने की अपेक्षा की जाती है, जो वैवाहिक संबंधों में पहले से मौजूद लिंग-आधारित पदानुक्रम को बढ़ाता है. तर्क दिया गया है कि इस दिशा में संकेत देने वाले वैश्विक रुझानों के मद्देनजर इन भेदभावपूर्ण प्रावधानों को 21 साल की उम्र में पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए विवाह की न्यूनतम आयु को बराबर करने के लिए पढ़ा जाना चाहिए.

इससे पहले भी हाईकोर्ट ने विवाह के लिए पुरुष और महिला की उम्र समान करने की मांग वाली याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. बता दें कि फिलहाल पुरुषों के लिए शादी की उम्र 21 साल और महिलाओं के लिए 18 साल है. जनहित याचिका में कहा गया है कि देश में शादी के लिए विभिन्न आयु का निर्धारण किया गया है. यह व्यवस्था संविधान में दिए गए समानता के अधिकार और महिलाओं की गरिमा के खिलाफ है, इसलिए इस व्यवस्था को समाप्त कर विवाह की आयु समान की जाए.

Also Read: Nursery Admission Process : दिल्ली में जल्द शुरू होगी नर्सरी में एडमिशन की प्रक्रिया, केजरीवाल बोले- बाकी स्कूल भी शीघ्र खुलेंगे

Upload By Samir Kumar

Exit mobile version