नयी दिल्ली : केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की अगली किस्त जारी करने के मौके पर प्रदर्शनकारी किसानों से अपील की है कि विरोध खत्म कर सरकार से बातचीत करें. साथ ही उन्होंने उम्मीद जतायी कि प्रदर्शनकारी किसान नये कृषि कानूनों के महत्व को समझेंगे और जल्द ही हल निकाल लिया जायेगा.
I appeal to the protesting farmers to end their protest and hold talks with the government. I hope they will understand the importance of the new farm laws, and the issue will be resolved soon: Union Agriculture Minister https://t.co/x3CstGwIoL pic.twitter.com/7DRAbKVcC9
— ANI (@ANI) December 25, 2020
उन्होंने कहा कि पंजाब सहित थोड़े से कुछ किसान भाई-बहनों के मन में नये कानूनों को लेकर भ्रम पैदा हुआ है. मैं उनको आग्रह करता हूं कि वो इस आंदोलन को त्याग कर सरकार के वार्ता के निमंत्रण पर आएं. मुझे आशा है कि किसान नए कानून के मर्म और महत्व को समझेंगे और हम समाधान की ओर अग्रसर होंगे.
उन्होंने कहा कि कुछ लोग जो जमीनी आधार खो चुके हैं, समय-समय पर वो कंधों की तलाश करते हैं और आज किसान आंदोलन से किसान के कंधों पर अपनी वैचारिक बंदूक चलाकर अपना हित साधना चाहते हैं. किसानों के हमदर्द बनकर उनको गुमराह करने का जो पाप कर रहे हैं, उसकी सजा आनेवाले कल में जनता उनको देगी.
उन्होंने पश्चिम बंगाल के किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना में शामिल किये जाने को लेकर कहा कि अभी पश्चिम बंगाल के किसान इस योजना से वंचित हैं. मैंने पूर्व में भी और गुरुवार को भी पत्र लिखकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को आग्रह किया है कि वो इस योजना में जल्दी शामिल हों.
Except for West Bengal govt, all other states govts have joined PM Kisan Samman Nidhi scheme. Till now, Rs 96,000cr has been transferred to farmers. In West Bengal, this scheme will benefit 70 lakh farmers. I have written to WB CM to join this scheme: Union Agriculture Minister pic.twitter.com/3oRXvfexvA
— ANI (@ANI) December 25, 2020
पश्चिम बंगाल सरकार को छोड़ पूरे देश की सरकारें पीएम किसान सम्मान निधि में शामिल हुई हैं. पश्चिम बंगाल में करीब 70 लाख पात्र हितग्राही हैं, अगर ये लोग इस योजना में शामिल होते हैं, तो पश्चिम बंगाल के किसानों को साल में 4,200 करोड़ रुपये मिलेंगे.