केंद्रीय कृषि मंत्री ने सदन नहीं चलने देने पर विपक्ष और राहुल गांधी को आड़े हाथ लिया, कांग्रेस सांसद बोले…
Narendra Singh Tomar, Rahul Gandhi, KC Venugopal : नयी दिल्ली : पेगासस जासूसी मामले और तीन नये केंद्रीय कृषि कानूनों सहित अन्य मामलों को संसद के दोनों सदनों में विपक्ष द्वारा हंगामा किये जाने को लेकर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने विपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी को आड़े हाथ लिया है.
नयी दिल्ली : पेगासस जासूसी मामले और तीन नये केंद्रीय कृषि कानूनों सहित अन्य मामलों को संसद के दोनों सदनों में विपक्ष द्वारा हंगामा किये जाने को लेकर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने विपक्ष और मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को आड़े हाथ लिया है.
Through this statement, Narendra Singh Tomar has proved that he is not fit enough to have a minister post. He is insulting the farmers of the country. He is not fit to continue as the agriculture minister: Congress leader KC Venugopal pic.twitter.com/YtHNc5uNuX
— ANI (@ANI) August 3, 2021
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने विपक्ष और राहुल गांधी के संबंध में मंगलवार को कहा कि ”लोकसभा में दुर्व्यवहार के लिए कोई स्थान नहीं है. प्रधानमंत्री ने विपक्ष से बहस करने को कहा है. लेकिन, वे तैयार नहीं हैं. यह किसान संघ की तरह है, जिसके पास प्रस्ताव नहीं है, लेकिन हंगामा कर रहे हैं.”
केंद्रीय मंत्री पर पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा है कि ”इस बयान के जरिये नरेंद्र सिंह तोमर ने साबित कर दिया है कि वह मंत्री पद के लायक नहीं हैं. वह देश के किसानों का अपमान कर रहे हैं. वह कृषि मंत्री बने रहने के लायक नहीं हैं.”
मालूम हो कि पेगासस जासूसी मामला, तीन नये केंद्रीय कृषि कानूनों समेत अन्य मुद्दों को लेकर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण मंगलवार को लोकसभा की कार्यवाही तीन बार के स्थगन के बाद बुधवार के लिए स्थगित कर दी गयी.
लोकसभा में विपक्षी सदस्यों ने ‘जासूसी बंद करो’, ‘खेला होबे’ और ‘प्रधानमंत्री जवाब दो’ के नारे लगाते हुए वेल तक पहुंच गये. इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों से कार्यवाही चलने देने की अपील की. उन्होंने कहा कि किसानों के मामले पर चर्चा हो रही है. प्रश्नकाल में सात से ज्यादा प्रश्न लिये हैं. लेकिन, आप चर्चा करना ही नहीं चाहते हैं.