Union Budget 2021: जानिए आंदोलन कर रहे किसानों को बजट में क्या मिला, मोदी सरकार किन योजनाओं का बढ़ाया बजट
Union Budget 2021: नये कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे विरोध-प्रदर्शन के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने को लेकर एलान किया.
Union Budget 2021: नये कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे विरोध-प्रदर्शन के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने को लेकर एलान किया. इस दौरान वित्त मंत्री देश के अन्नदाताओं के चेहरे पर खुशी लाने के लिए कोई कोर कसर छोड़ते नहीं दिखीं. सीतारमण ने सरकार को किसानों के लिए समर्पित बताते हुए कहा कि सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने पर कायम है.
उन्होंने कहा कि उत्पादन लागत की तुलना में कम-से-कम 1.5 गुना कीमत सुनिश्चित करने के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था में व्यापक बदलाव आया है. इसके साथ ही किसानों से अनाजों की खरीद और उनको किया जाने वाला भुगतान तेजी से बढ़ा है. वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा कि पिछले छह साल में धान, गेहूं, दालों और कपास जैसी फसलों की खरीद कई गुना बढ़ी है. उन्होंने कहा कि सभी जिंसों के लिए उत्पादन की लागत से कम-से-कम डेढ़ गुना कीमत सुनिश्चित करने के लिए एमएसपी व्यवस्था में व्यापक बदलाव किये गये हैं.
सीतारमण ने कहा कि किसानों से खरीद लगातार बढ़ रही है. इससे किसानों को किया जाने वाला भुगतान भी काफी बढ़ा है. वित्त मंत्री ने जैसे ही कृषि क्षेत्र में सरकार की उपलब्धियों को गिनाना शुरू किया, विपक्षी सांसद तीनों हालिया कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करने लगे. वित्त मंत्री ने अपने संबोधन में एमएसपी व्यवस्था के तहत किसानों से की गयी. खरीद दिये गये भुगतान के आंकड़े भी गिनाये.
इन स्किम के जरिए किसानों की आय दोगुनी करेगी मोदी सरकार
-
इस वर्ष के शुरू में प्रधानमंत्री द्वारा घोषित स्वामित्व स्कीम के अंतर्गत गांवों में संपत्तियों के मालिकों को दिये जा रहे अधिकार के दस्तावेज, अब तक 1,241 गांवों के लगभग 1.80 लाख संपत्ति मालिकों को दिये गये कार्ड, 2021-22 में इस योजना को सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में लागू करने की योजना
-
नाबार्ड के अंतर्गत 5,000 करोड़ रुपये से बने माइक्रो इरिगेशन फंड में 5,000 करोड़ रुपये और डाल कर इसे दोगुना करने का लक्ष्य
-
कृषि और संबद्ध उत्पादों पर किसानों को उचित मूल्य मिले और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए ‘ऑपरेशन ग्रीन स्कीम’ जोकि इस समय केवल टमाटर, प्याज और आलू पर लागू है, के दायरे को बढ़ा कर इसमें जल्दी खराब होने वाले 22 और उत्पादों को किया जायेगा शामिल
-
असम और पश्चिम बंगाल में चाय बागानकर्मियों के कल्याण के लिए 1,000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव, वित्त मंत्री ने इस फंड को चाय के बागानों में काम करने वालों, खास कर महिलाओं और उनके बच्चों के लिए देने का रखा प्रस्ताव
-
गेहूं की खरीद पर 2019-20 में किसानों को 62,802 करोड़ रुपये दिये गये. 2020-21 में किसानों को 75 हजार करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया है. जिन किसानों को लाभ हुआ है, उनकी संख्या भी 2019-20 के 35.57 लाख से बढ़ कर 2020-21 में 43.36 लाख पर पहुंच गयी
-
धान की खरीद पर किसानों को 2013-14 में 63,928 करोड़ दिये गये, जो 2019-20 में 1,41,930 करोड़ हो गया. 2020-21 में यह इसके बढ़ कर 1,72,752 करोड़ रहने का अनुमान है. लाभ पाने वाले धान किसानों की संख्या 2019-20 के 1.2 करोड़ से बढ़ कर 2020-21 में 1.54 करोड़ पर पहुंच गयी.
-
दालों के मामले में किसानों को 2013-14 में 236 करोड़ का भुगतान किया गया. 2019-20 में यह बढ़ कर 8,285 करोड़ रुपये और 2020-21 में 10,530 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.