Union Cabinet Meeting Today केंद्रीय कैबिनेट की बुधवार को हुई बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने जानकारी देते हुए बताया कि डिस्ट्रिक्ट का चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट अब जिला मजिस्ट्रेट के अंतर्गत कार्य करेंगे. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कैबिनेट के माध्यम से जुवेनाइल जस्टिस केयर एंड प्रोटेक्शन एक्ट 2015 में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकार किया है. अब हर जिले में डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को अधिकार दिया जाएगा, जो एजेंसी जेजे एक्ट को लागू करने के लिए जिम्मेदार हैं, उनके काम को मॉनिटर करे.
Union Cabinet has approved the proposal of the Ministry of Women and Child Development to amend the Juvenile Justice (Care and Protection of Children) Act, 2015 to introduce measures for strengthening Child Protection set-up
— ANI (@ANI) February 17, 2021
समाचार एजेंसी के मुताबिक, महिला एवं बाल कल्याण मंत्री स्मृति ईरानी ने बताया कि इसके माध्यम से बच्चों के संरक्षण के ढांचे को जिलावार एवं प्रदेशवार मजबूत बनाने के उपाए किये गए हैं. उन्होंने कहा कि बाल कल्याण समितियों (CWC) का सदस्य बनने के लिये लोगों की पृष्ठभूमि की जांच के लिये कोई विशिष्ठ दिशानिर्देश नहीं है. मंत्री ने बताया कि कैबिनेट द्वारा मंजूर प्रस्तावित संशोधनों में सीडब्ल्यूसी का सदस्य बनने से पहले उक्त व्यक्ति की पृष्ठभूमि और शैक्षणिक योग्यता की जांच की जायेगी.
स्मृति ईरानी ने कहा कि अभी तक बाल देखरेख संस्थान (CCI) संचालित करने की इच्छा रखने वाले किसी संगठन को राज्य सरकार को इसका उद्देश्य बताने की जरूरत होती थी, लेकिन प्रस्तावित संशोधनों में कहा गया है कि सीसीआई का पंजीकरण कराने से पहले जिला मजिस्ट्रेट उसकी क्षमता और पृष्ठभूमि की जांच करेंगे और राज्य सरकार को सिफारिश भेजेंगे. उन्होंने बताया कि इन प्रस्तावित संशोधनों में जे जे अधिनियम की धारा 61 के तहत गोद लेने के मुद्दे को जिला मजिस्ट्रेट, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट को अधिकृत किया गया है ताकि ऐसे मामलों का तेजी से निस्तारण किया जा सके और उत्तरदायित्व तय किया जा सके.
उन्होंने बताया कि इसके तहत जिला अधिकारियों को कानून के तहत निर्बाध क्रियान्वयन सुनिश्चित करने और कठिनाई में पड़े बच्चों के लिये समुचित प्रयास करने के लिये अधिकार सम्पन्न किया गया है. प्रस्तावित संशोधनों के अनुसार जिला मजिस्ट्रेट विशिष्ट सीडब्ल्यूसी, किशोर पुलिस इकाई और पंजीकृत संस्थानों का स्वतंत्र मूल्यांकन करेंगे. इसके माध्यम से किशोर न्याय अधिनियम का दायरा बढ़ाया गया है. किशोर देखरेख जरूरत की परिभाषा के दायरे में मानव तस्करी से पीड़ित बच्चों, मादक पदार्थ दुरूपयोग के शिकार बच्चों और अभिभावकों द्वारा परित्यक्त बच्चों को शामिल किया गया है. इसमें कहा गया है कि अभी तक इस कानून के तहत अपराध की तीन श्रेणियां हैं और प्रस्तावित संशोधन के जरिये एक और श्रेणी जोड़ी गई है.
वहीं, कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना के दौरान भी भारत और दुनिया की कई कंपनियों ने 10 लाख करोड़ रुपये के मोबाइल फोन बनाने का दावा किया. सात लाख करोड़ रुपये के निर्यात का प्रावधान रखा और लगभग 8 लाख लोगों को रोजगार देने की बात कही. आज 34 हजार करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि दुनिया की टॉप बड़ी कंपनियां भारत में मोबाइल बना रही हैं और निर्यात कर रही हैं. आज टेलीकॉम सेक्टर के लिए पीएलआई को कैबिनेट ने मंजूरी दी है.
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि पहली बार एक कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक कोऑपरेशन एंड पार्टनरशिप एग्रीमेंट मॉरिशस के साथ बना है. इसमें 110 आइटम्स भारत मॉरिशस को भेजेगा और भारत में मॉरिशस से 615 वस्तुएं आएंगी. इससे दोनों देशों के बीच ट्रेड और बढ़ेगा.
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