Cabinet Decision: कैबिनेट ने सेमी कंडक्टर नीति को दी मंजूरी, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी जानकारी
Cabinet Meeting Decision Today केंद्रीय कैबिनेट की बुधवार को संपन्न हुई बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट की ओर से आज लिए गए निर्णय के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है.
Cabinet Meeting Decision Today केंद्रीय कैबिनेट की बुधवार को संपन्न हुई बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट की ओर से आज लिए गए निर्णय के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है. जिससे देश में सेमीकंडक्टर चिप्स का डिजाइन, फैब्रिकेशन, पैकेजिंग, टेस्टिंग और कंप्लीट इको सिस्टम डेवलप हो सके, ऐसा निर्णय लिया है. जिसके लिए आज 76 हजार करोड़ रुपए के इन्वेस्टमेंट का अनुमोदन हुआ है.
वहीं केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में देश में रुपे डेबिट कार्ड और कम मूल्य के भीम यूपीआई के द्वारा डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए इंसेंटिव दिए जाने की मंजूरी दी गई. उन्होंने बताया कि इस पर 1300 करोड़ रुपए खर्च होगा. कैबिनेट बैठक पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने साथ ही बताया कि आज की कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को 2021-22 से लेकर 2025-26 तक चालू रखने का निर्णय किया गया है और इसमें 93 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक खर्च आएंगे.
Union Cabinet approves Programme for Development of Semiconductors and Display Manufacturing Ecosystem in India pic.twitter.com/kerzxHhTB7
— ANI (@ANI) December 15, 2021
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले बोर्ड के विनिर्माण को प्रोत्साहन के लिए पीएलआई योजना की मंजूरी दी. इस योजना के बारे में जानकारी देते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि सेमीकंडक्टर के लिए पीएलआई (Production Linked Incentive Scheme) योजना पर 76,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा. केंद्र सरकार इस योजना के ज़रिए देश को इलेक्ट्रॉनिक हब के तौरे पर विकसित करना चाहती है, क्योंकि माक्रोचिप्स की कमी की वजह से उद्योगों के प्रोडक्शन पर सीधा असर पड़ता है.
केंद्र सरकार के मुताबिक, इस योजना में 6 साल में 76 हजार करोड़ का खर्च आएगा. भारत की सेमीकंडक्टर क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए व्यापक कार्यक्रम को मंजूरी दी गई गई है. केंद्र ने बताया है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग देश बन गया है. सरकार का कहना है कि देश को इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में आगे ले जाने के लिए इसकी बहुत बड़ी भूमिका होगी.