नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में जम्मू-कश्मीर राजभाषा विधेयक 2020 को पेश करने की मंजूरी दे दी है. बैठक में कई अहम फैसले लिये गये. बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से जम्मू कश्मीर के लिए राजभाषा विधेयक लाया गया है.
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया, जिसमें 5 भाषाएं उर्दू, कश्मीरी, डोगरी, हिंदी और अंग्रेजी आधिकारिक भाषाएं होंगी. यह सार्वजनिक मांग के आधार पर किया गया है. केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने बताया, जम्मू और कश्मीर में डोगरी, हिंदी और कश्मीरी को आधिकारिक भाषाओं के रूप में शामिल करना न केवल लंबे समय से लंबित सार्वजनिक मांग की पूर्ति है, बल्कि 5 अगस्त, 2019 के बाद समानता की भावना को ध्यान में रखते हुए भी ऐसा निर्णय लिया गया.
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया, कैबिनेट ने कर्मयोगी योजना को मंजूरी दी है, जो सरकारी अफसरों के काम को बढ़िया करने के लिए काम करेगी. ये सरकार की ओर से अधिकारियों की क्षमता को बढ़ाने की सबसे बड़ी योजना है. उन्होंने बताया भर्ती होने के बाद विभिन्न कर्मचारी, अधिकारी की क्षमता का लगातार वर्धन कैसे हो, इसके लिए क्षमता वर्धन का एक कार्यक्रम चलेगा. इसका नाम ‘कर्मयोगी योजना’ है और 21वीं सदी का सरकार के मानव संसाधन के सुधार का एक बहुत बड़ा सुधार कहलाएगा. उन्होंने कहा, भर्ती होने के बाद विभिन्न कर्मचारियों की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए लगातार कार्यक्रम चलेगा जिसका नाम ‘कर्मयोगी योजना’ है.
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव सी चंद्रमौली ने कहा, एक सिविल सेवक को समाज की चुनौतियों का सामना करने के लिए कल्पनाशील और इनोवेटिव, सक्रिय और विनम्र, पेशेवर और प्रगतिशील, ऊर्जावान और सक्षम, पारदर्शी और तकनीक-सक्षम, रचनात्मक और सृजनात्मक होना चाहिए. कर्मयोगी अभियान सिविल सेवक की न केवल व्यक्तिगत कैपेसिटी बिल्डिंग पर बल्कि इंस्टिट्युशनल कैपेसिटी बिल्डिंग और प्रक्रिया पर भी केंद्रित है.
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर बताया, तीन महत्वपूर्ण समझौते हुए पहला जापान के साथ वस्त्र मंत्रालय का, खनन मंत्रालय का फिनलैंड के साथ और नवीन ऊर्जा मंत्रालय का डेनमार्क के साथ.
Posted By – Arbind Kumar Mishra