स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने संभाला WHO के कार्यकारी बोर्ड अध्यक्ष का कार्यभार, कहा- सबकी साझी चुनौतियां है कोरोना संकट
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने शुक्रवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के कार्यकारी बोर्ड अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाल लिया है.
नयी दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने शुक्रवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के कार्यकारी बोर्ड अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाल लिया है. उन्होंने जापान के डॉ हिरोकी नकतानी की जगह ली है. डॉ हर्षवर्धन ने जापान के डॉ हिरोकी नकतानी की जगह ली है. बीते मंगलवार को 194 देशों की विश्व स्वास्थ्य सभा द्वारा भारत को कार्यकारी बोर्ड में नियुक्त करने के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किये. डब्ल्यूएचओ के दक्षिण-पूर्व एशिया समूह ने पिछले साल सर्वसम्मति से फैसला किया था कि भारत को तीन साल के कार्यकाल के लिए कार्यकारी बोर्ड के लिए चुना जाएगा.
मैं इस बात से अवगत हूं कि मैं वैश्विक संकट के वक़्त इस ऑफिस में दाखिल हो रहा हूं। ये सभी चुनौतियां एक साझी प्रतिक्रिया की मांग करती हैं क्योंकि ये साझी चुनौतियां हैं जो साझी ज़िम्मेदारी से काम करने की मांग करती हैं: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ.हर्षवर्धन #COVID19 https://t.co/fu4sLOJLUB pic.twitter.com/S3hnJdRriN
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 22, 2020
डॉ हर्षवर्धन का चयन 22 मई को विश्व स्वास्थ्य संगठन की कार्यकारी बोर्ड की बैठक में किया जाएगा. क्षेत्रीय समूहों के बीच अध्यक्ष का पद एक वर्ष के लिए रोटेशन द्वारा आयोजित किया जाता है और यह पिछले साल तय किया गया था कि शुक्रवार से शुरू होने वाले पहले वर्ष के लिए भारत का उम्मीदवार कार्यकारी बोर्ड का अध्यक्ष होगा.
एक अधिकारी के अनुसार, विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष का यह पद पूर्णकालिक कार्य नहीं होता है. इस बोर्ड के अध्यक्ष को कार्यकारी बोर्ड की बैठकों की अध्यक्षता करने की आवश्यकता होगी. कार्यकारी बोर्ड 34 व्यक्तियों से बना है, जो तकनीकी रूप से स्वास्थ्य के क्षेत्र में योग्य हैं. बोर्ड साल में कम से कम दो बार बैठक करता है और मुख्य बैठक आमतौर पर जनवरी में होती है. स्वास्थ्य सभा के तुरंत बाद मई में दूसरी छोटी बैठक होती है. कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष का मुख्य कार्य स्वास्थ्य सभा के निर्णयों और नीतियों को प्रभावी बनाने के लिए सलाह देना है.
फिलवक्त, विश्व स्वास्थ्य संगठन में भारत को महत्वपूर्ण पद मिलना कई मायनों में बेहतर है. कोरोना काल में न सिर्फ भारत ने अपने देश में काफी हद तक कोविड-19 के संक्रमण को रोकने का प्रयास किया है, बल्कि पूरे विश्व को मदद भी की है.
कार्यभार ग्रहण करने के बाद डॉ हर्षवर्धन ने कहा, ‘मैं इस बात से अवगत हूं कि मैं वैश्विक संकट के वक्त इस ऑफिस में दाखिल हो रहा हूं. ये सभी चुनौतियां एक साझी प्रतिक्रिया की मांग करती हैं, क्योंकि ये साझी चुनौतियां हैं, जो साझी जिम्मेदारी से काम करने की मांग करती हैं.’