नयी दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि 50 लाख से अधिक लोग कोरोनोवायरस से संक्रमित हैं, लेकिन भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली ने नैदानिक और प्रबंधन सुविधाएं प्रदान करने में काफी दक्षता दिखाई है, साथ ही मृत्यु दर को ‘न्यूनतम’ और ‘अधिकतम’ पर ठीक किया है. स्वास्थ्य मंत्री ने आज अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नयी दिल्ली के 65वें स्थापना दिवस पर एक कार्यक्रम में बोल रहे थे.
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, उन्होंने कहा कि देश में कोविड-19 मरीजों के ठीक होने की लगातार बढ़ रही दर और मृत्यु दर में कमी ने सभी राज्यों द्वारा अपनायी जा रही निषिद्ध रणनीति की कामयाबी को साबित किया है. हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘हमने अपनी परीक्षण क्षमता को सफलतापूर्वक बढ़ाया है और आज यह देश भर में फैली 1,800 से अधिक प्रयोगशालाओं के साथ लगभग 15 लाख के उच्च स्तर तक पहुंच गया है.”
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Union Health Minister Dr. Harsh Vardhan inaugurating an exhibition on 'AIIMS in the times of #COVID19' on the occasion of 65th Foundation Day of #AIIMS, New Delhi.
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— DrHarshVardhanOffice (@DrHVoffice) September 25, 2020
बयान में हर्षवर्धन के हवाले से कहा गया है, ”मुझे इलाज और कोविड-19 टीकों के क्षेत्र में हो रहे वैज्ञानिक विकास में पूरा भरोसा है तथा जल्दी ही भारत कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में अधिक सफलता हासिल करेगा.” हर्षवर्धन ने मानव संसाधन और विकास मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग ढांचा (एनआईआरएफ) से चिकित्सा संस्थानों में नंबर एक का स्थान पाने के लिए एम्स बिरादरी को बधाई दी.
उन्होंने संतोष जताया कि 1956 में भारतीय संसद द्वारा स्थापित एम्स ने अपने उद्देश्यों को पूरा किया है. उन्होंने कोरोना वायरस महामारी के दौरान संस्थान के उल्लेखनीय योगदान का भी स्वागत किया। हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘मैं सराहना करता हूं कि पिछले छह महीनों में, एम्स ने कोविड-19 मरीजों की देखभाल, अनुसंधान में नवाचार करने, देश भर में सहयोगियों का मार्गदर्शन तथा शिक्षण और संचार के नए तरीकों को विकसित करने की एक बड़ी जिम्मेदारी निभायी है.”
कार्यक्रम में स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कोविड के समय लगातार और निस्वार्थ प्रयासों के लिए चिकित्सा समुदाय की प्रशंसा की. बयान के अनुसार, उन्होंने कहा कि एम्स ने उच्च प्रतिष्ठा स्थापित की है तथा शैक्षणिक क्षेत्र, अनुसंधान और मरीजों की देखभाल में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. इसने अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी सहित कई अन्य देशों के छात्रों को आकर्षित किया है. यह एक बड़ी उपलब्धि है. चौबे ने कहा कि केंद्र सरकार देश के कोने-कोने में एम्स की सेवाओं का प्रसार करने के लिए प्रयासरत है. हर्षवर्धन और चौबे ने कार्यक्रम के दौरान संकाय सदस्यों और स्नातक छात्रों को पुरस्कार और पदक प्रदान किए। हर्षवर्धन ने कहा कि एम्स का छात्र बनना हर मेडिकल छात्र का सपना होता है.