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कोरोना की जरूरी दवाओं की आपूर्ति और निगरानी के लिए मोदी सरकार ने बनाई तीन सूत्रीय रणनीति, जानिए क्या है रेमडेसिविर की स्थिति?

केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि कोरोना के इलाज में काम आने वाली दवाओं का उत्पादन और आयात बढ़ने की वजह से भारत में अब सभी आवश्यक दवाएं उपलब्ध हैं. उन्होंने कहा कि सप्लाई चेन मैनेजमेंट, डिमांड मैनेजमेंट और इन दवाओं की समुचित दाम पर उपलब्धता को लेकर सरकार तीन सूत्रीय रणनीति के तहत काम कर रही है और इसी रणनीति के तहत इनकी आसान उपलब्धता पर भी निगरानी की जा रही है.

नई दिल्ली : केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख एल मंडाविया ने बुधवार को दावा किया है कि देश में कोरोना के इलाज में काम आने वाली जरूरी दवाओं की कोई कमी नहीं है. इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा है कि इन जरूरी दवाओं की आपूर्ति पर सरकारी सख्ती से नजर बनाए हुई है.

प्रेस इन्फॉमेशन ब्यूरो (पीआईबी) की ओर से जारी बयान के अनुसार, केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि कोरोना के इलाज में काम आने वाली दवाओं का उत्पादन और आयात बढ़ने की वजह से भारत में अब सभी आवश्यक दवाएं उपलब्ध हैं. उन्होंने कहा कि सप्लाई चेन मैनेजमेंट, डिमांड मैनेजमेंट और इन दवाओं की समुचित दाम पर उपलब्धता को लेकर सरकार तीन सूत्रीय रणनीति के तहत काम कर रही है और इसी रणनीति के तहत इनकी आसान उपलब्धता पर भी निगरानी की जा रही है.

मंडाविया ने कहा कि सरकार रेमडेसिविर, इनोक्सापरिन, मिथाइलप्रेड्निसोलोन, डेक्सामेथासोन, टोसिलिजुमाब और इवरमेक्टिन जैसी विभिन्न कोरोना प्रोटोकॉल की दवाओं की आपूर्ति पर नजर रखे हुए है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा, फैविपिराविर, एम्फोटेरिसिन और एपिक्सामैब जैसी दूसरी दवाइयों की आपूर्ति की भी निगरानी की जा रही है.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रेमडेसिविर का उत्पादन करने वाले प्लांटों की संख्या 20 से बढ़ाकर 60 कर दी गई है. इसकी वजह से केवल 25 दिनों के दौरान देश में इस दवा की उपलब्धता तीन गुना तक बढ़ गई है. हालांकि, इस दौरान इसके उत्पादन में दस गुना तक बढ़ोतरी की गई है. उन्होंने कहा कि अप्रैल महीने में जहां रेमडेसिविर की 10 लाख शीशी हर महीने बन रही थी, वहीं मई 2021 में यह एक करोड़ तक पहुंच गई है. उन्होंने कहा कि बाकी महत्वपूर्ण दवाओं का उत्पादन बढ़ाने पर भी जोर दिया जा रहा है.

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Posted by : Vishwat Sen

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