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केंद्रीय मंत्री नीशीथ प्रमाणिक ने बंगाल बंटवारे की मांग को दिया समर्थन, बोले- जनता की भावनाओं पर विचार जरूरी

मालदा में शहीद सम्मान यात्रा के दौरान नीशीथ प्रमाणिक ने मोदी कैबिनेट में अपने सहयोगी जॉन बारला की मांग का समर्थन किया. उन्होंने कहा जॉन बारला की मांग पर पहल करने की सख्त जरुरत है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 25, 2021 1:08 PM

पश्चिम बंगाल में बीजेपी की शहीद सम्मान यात्रा जारी है. इसी बीच केंद्रीय मंत्री नीशीथ प्रमाणिक ने भी बंगाल विभाजन की मांग को जायज ठहराया है. इसके पहले केंद्रीय अल्प संख्यक मंत्री जॉन बारला ने उत्तर बंगाल को अगल केंद्रशासित प्रदेश बनाने की मांग की थी. मालदा में शहीद सम्मान यात्रा के दौरान नीशीथ प्रमाणिक ने मोदी कैबिनेट में अपने सहयोगी जॉन बारला की मांग का समर्थन किया. उन्होंने कहा जॉन बारला की मांग पर पहल करने की सख्त जरुरत है.

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मालदा में शहीद सम्मान यात्रा के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नीशीथ प्रमाणिक ने कहा कि उत्तर बंगाल के जिलों को आपस में मिलाकर केंद्रशासित प्रदेश बनाने की मांग पर सोच विचार की जरुरत है. इस तरह की मांग वहां के लोगों के विचार हैं. हमें लोगों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए. मेरे हिसाब से देखा जाए तो उत्तर बंगाल का सही से विकास नहीं हुआ है. जनता के प्रतिनिधि होने के नाते हमें लोगों की भावनाओं पर विचार करना ही होगा.

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद राज्य के विभाजन की मांग लगातार उठाई जा रही है. कुछ दिनों पहले सिलीगुड़ी में एक बार फिर से केंद्रीय मंत्री जॉन बारला ने उत्तर बंगाल को अलग केंद्रशासित प्रदेश बनाने की मांग की थी. जॉन बारला ने ममता बनर्जी सरकार पर उत्तर बंगाल के अल्पसंख्यकों की अनदेखी करने का आरोप भी लगाया था. जॉन बारला ने पश्चिम बंगाल के विभाजन की मांग करते हुए कहा था तृणमूल सरकार उत्तर बंगाल का विकास नहीं कर सकी.

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बंगाल बीजेपी दार्जीलिंग, कूचबिहार, जलपाईगुड़ी, कलिम्पोंग, अलीपुरदुआर, उत्तर और दक्षिण दिनाजपुर को मिलाकर केंद्रशासित प्रदेश बनाने की मांग कर रही है. बीजेपी का दावा है कि नए केंद्रशासित प्रदेश के बनने से बांग्लादेश और नेपाल की सीमा से बंगाल में घुसपैठ को रोका जा सकता है. वहीं, चीन सी लगी बंगाल की सीमा पर सुरक्षा को और बेहतर करने में मदद मिलेगी. बता दें मोदी सरकार ने 2019 में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाकर राज्य को तीन भागों में बांटा था. उसके बाद से बीजेपी पश्चिम बंगाल को भी उसी तर्ज पर बांटने की मांग करती रही है.

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