अनोखा चोर! कवि के घर चोरी कर पछताया, सच्चाई का पता चलते ही किया ऐसा काम
Maharashtra News: महाराष्ट्र से एक अच्छी खबर है. चोर ने कवि के घर चोरी करने के बाद उसका सामना पूरी तरह से वापस कर दिया. उसे चारी करने का पछतावा भी हुआ. जिसके लिए चोर ने माफीनामा भी कवि के घर छोड़ा.
Maharashtra News: चोर को उस समय पछतावा हुआ जब उसे पता चला कि उसने एक प्रसिद्ध मराठी लेखक के घर से कीमती सामान चुराया था. पश्चाताप करते हुए चोर ने चुराया गया सामान लौटा दिया. पुलिस ने बताया कि चोर ने रायगढ़ जिले के नेरल में स्थित नारायण सुर्वे के घर से एलईडी टीवी समेत कीमती सामान चुराया था.
नारायण सुर्वे एक प्रसिद्धा मराठी कवि हैं, बंद घर होने की वजह से चोर ने चुराया सामान
मुंबई में जन्मे नारायण सुर्वे एक प्रसिद्ध मराठी कवि और सामाजिक कार्यकर्ता थे. अपनी कविताओं में शहरी मजदूर वर्ग के संघर्षों को स्पष्ट रूप से दर्शाने वाले सुर्वे का 16 अगस्त 2010 को 84 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था. सुर्वे की बेटी सुजाता और उनके पति गणेश घारे अब इस घर में रहते हैं. वह अपने बेटे के पास विरार गए थे और उनका घर 10 दिनों से बंद था. इसी दौरान चोर घर में घुसा और एलईडी टीवी समेत कुछ सामान चुरा ले गया. अगले दिन जब वह कुछ और सामान चुराने आया तो उसने एक कमरे में सुर्वे की तस्वीर और उन्हें मिले सम्मान आदि देखे.
चोर ने घर पर चिपकाया नोट, घर के मालिक से मांगी माफी
चोर को बेहद पछतावा हुआ. पश्चाताप स्वरूप उसने चुराया गया सामान लौटा दिया. इतना ही नहीं, उसने दीवार पर एक छोटा सा ‘नोट’ चिपकाया, जिसमें उसने महान साहित्यकार के घर चोरी करने के लिए मालिक से माफी मांगी. नेरल पुलिस थाने के निरीक्षक शिवाजी धवले ने बताया कि सुजाता और उनके पति जब रविवार को विरार से लौटे तो उन्हें यह ‘नोट’ मिला. उन्होंने बताया कि पुलिस टीवी और अन्य वस्तुओं पर मिले उंगलियों के निशान के आधार पर आगे की जांच कर रही है.
कभी नारायण सुर्वे ने होटल में साफ किया था बर्तन
बचपन में माता-पिता को खो चुके नारायण सुर्वे मुंबई की सड़कों पर पले-बढ़े थे. उन्होंने घरेलू सहायक, होटल में बर्तन साफ करने, बच्चों की देखभाल करने, पालतू कुत्तों की देखभाल, दूध पहुंचाने, कुली और मिल मजदूर के रूप में काम किया था. अपनी कविताओं के माध्यम से सुर्वे ने श्रमिकों के संघर्ष को बताने का प्रयास किया.