संयुक्त किसान मोर्चा ने 19 नवंबर को फतह दिवस मनाने का ऐलान किया है. मोर्चा का कहना है कि इसी दिन केन्द्र सरकार ने उनके कठिन आंदोलन के बाद इसी दिन तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने का आदेश दिया था. ऐसे में इस दिन को फतह दिवस या विजय दिवस के रूप में मनाने का किसानों ने ऐलान किया है. किसान नेता दर्शन पाल ने आज यानी गुरुवार को कहा कि सभी राजनीतिक दलों के लोकसभा और राज्यसभा सांसदों के कार्यालयों तक एक से 11 दिसंबर तक मार्च आयोजित किया जाएगा.
26 नवंबर से राजभवन मार्च का आयोजन: वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने केंद्र सरकार पर विश्वासघात करने का आरोप लगाया है. एसकेएम ने कहा कि किसानों की लंबित मांगों को लेकर केन्द्र सरकार ने विश्वासघात किया है. मोर्चा ने कहा कि 26 नवंबर को किसान राजभवनों की ओर मार्च निकालेंगे.
अपने वादे भूल गई है केंद्र सरकार: एसकेएम का आरोप है कि केंद्र सरकार किसानों के आंदोलन खत्म करने के एवज में अपने किये वादे भूल गई है. एसकेएम ने कहा कि केंद्र सरकार ने न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर समिति का गठन किया, और न ही आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज किए गए मामले वापस लिए गए.
2020 को किसानों ने शुरू किया था आंदोलन: बता दें, केन्द्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन की शुरुआत की थी. किसानों का आंदोलन नवंबर 2020 में शुरू हुआ था. किसान तेज धूप, भारी बारिश और भीषण ठंड में भी दिल्ली के विभिन्न बॉर्डर पर डटे रहे. आंदोलन के एक साल के बाद पीएम मोदी ने साल 2021 में गुरुपर्व के मौके पर तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा की थी.
भाषा इनपुट के साथ
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