नयी दिल्ली : भारत में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के बीच देश के 12 विपक्षी दलों ने संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के आह्वान को अपना समर्थन दिया है. मालूम हो कि संयुक्त किसान मोर्चा ने 26 मई को देशव्यापी विरोध दिवस मनाने की घोषणा की है.
12 opposition parties extend their support to Samyukta Kisan Morcha (SKM) call to observe a countrywide protest day on May 26 marking the completion of six months of farmers protest against new farm laws. pic.twitter.com/YY70OpBU2a
— ANI (@ANI) May 23, 2021
मालूम हो कि केंद्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों का पिछले छह माह से किसान संगठन विरोध कर रहे हैं. छह माह पूरे होने पर 26 मई को किसान संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने देशव्यापी काला दिवस मनाने का आह्वान किया है. इससे पहले किसान संगठन ने 12 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसान संगठनों ने पत्र लिख कर कहा था कि कोरोना संक्रमण का शिकार बन रहे लाखों किसानों को बचाने के लिए कृषि कानून रद्द किये जाएं, जिससे वे देशवासियों को भोजन खिलाने के लिए अन्न और सब्जियों का उत्पादन जारी रख सकें.
साथ ही किसान संगठनों ने स्वामीनाथन आयोग की अनुशंसित न्यूनतम समर्थन मूल्य (सी2+50 फीसदी) के कानूनी अधिकार की मांग की है. किसान संगठनों ने कहा है कि केंद्र सरकार को नरम रुख अख्तियार करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के साथ तुरंत फिर से बातचीत शुरू करनी चाहिए.
इस पत्र पर देश के 12 विपक्षी दलों की ओर से हस्ताक्षर किये गये हैं. इनमें कांग्रेस से सोनिया गांधी, जेडी-एस से एचडी देवेगौड़ा, एनसीपी से शरद पवार, टीएमसी से ममता बनर्जी, शिवसेना से उद्धव ठाकरे, डीएमके से एमके स्टालिन, जेएमएम से हेमंत सोरेन, जेकेपीए से फारूक अब्दुल्ला, सपा से अखिलेश यादव, राजद से तेजस्वी यादव, सीपीआई से डी राजा और सीपीआई-एम से सीताराम येचुरी शामिल हैं.