आठ जून से अनलॉक 1 (Unlock 1) के तहत धार्मिक स्थल खोलने की तैयारी पूरी कर ली गयी है. करीब दो महीनों से ज्यादा से बंद पडे धार्मिक स्थलों पर अब आप पूजा कर सकेंगे लेकिन आपको कुछ ध्यान में रखकर अपने अराध्य की पूजा करनी होगी. कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) के द्वारा मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी,Standard operating procedure) यानी गाइडलाइंस जारी की गयी है जिसके अनुसार निषिद्ध क्षेत्रों में मौजूद धार्मिक स्थल जनता के लिए बंद रहेंगे, लेकिन निषिद्ध क्षेत्रों से बाहर स्थित धार्मिक स्थल खोले जा सकते हैं.
मंत्रालय ने कहा कि धार्मिक स्थलों पर बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी होती है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि ऐसे परिसरों में भौतिक दूरी के नियम तथा अन्य एहतियाती उपायों का पालन किया जाए. एसओपी में कहा गया है कि संक्रमण के संभावित प्रसार के मद्देनजर धार्मिक स्थलों में गायन समूहों को अनुमति न दी जाए, बल्कि इसकी जगह रिकॉर्डेड भजन बजाए जा सकते हैं. इस दौरान सामूहिक प्रार्थना से बचा जाना चाहिए और प्रसाद वितरण तथा पवित्र जल के छिड़काव जैसी चीजों को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.
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एसओपी में कहा गया है कि धार्मिक स्थलों पर प्रतिमाओं और पवित्र पुस्तकों को छूने से भी बचना चाहिए तथा वहां प्रवेश के लिए लगी लाइन में कम से कम छह फुट की भौतिक दूरी रखी जानी चाहिए. आपको बता दें कि मंत्रालय ने होटलों और रेस्तराओं के लिए भी एसओपी जारी की और कहा कि लक्षमुक्त कर्मचारियों और लोगों को ही प्रवेश की अनुमति मिलनी चाहिए तथा उचित भीड़ प्रबंधन होना चाहिए.
मंत्रालय ने कहा कि गर्भवती महिलाओं, अधिक उम्र वाले या किसी स्वास्थ्य संबंधी समस्या से पीड़ित कर्मचारियों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए और उन्हें लोगों के सीधे संपर्क में आने जैसे कार्य से बचना चाहिए. इसने कहा कि विभिन्न कामों के लिए अलग-अलग प्रवेश और निकास बिन्दु होने चाहिए तथा होटल और रेस्तरां मालिकों को डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देना चाहिए.
एसओपी में कहा गया कि होटल और आथित्य सेवाओं को आगंतुक की यात्रा और चिकित्सा स्थिति का उचित रिकॉर्ड सुनिश्चित करना चाहिए. मंत्रालय ने कहा कि होटलों में सामान को कमरे में पहुंचाने से पहले संक्रमणमुक्त किया जाना चाहिए. आगंतुकों और कर्मचारियों के बीच रूम सर्विस के लिए फोन पर बात होनी चाहिए.
Posted By: Amitabh Kumar