देश में अब नहीं बढ़ेगा Lockdown, Unlock-2 की तैयारी शुरू
Unlock-2 or Lockdown in the country : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi ) ने बुधवार को मुख्यमंत्रियों से बातचीत (PM Modi two-day interaction with CMs via video conferencing) में कहा कि लॉकडाउन की पाबंदियों में रियायतों के बाद आर्थिक संकेतक पटरी पर लौटने का संकेत दे रहे हैं और अब ‘अनलॉक-2' के बारे में तथा संक्रमण को भी कम से कम रखने के तरीकों के बारे में सोचना होगा.
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मुख्यमंत्रियों से बातचीत में कहा कि लॉकडाउन की पाबंदियों में रियायतों के बाद आर्थिक संकेतक पटरी पर लौटने का संकेत दे रहे हैं और अब ‘अनलॉक-2′ के बारे में तथा संक्रमण को भी कम से कम रखने के तरीकों के बारे में सोचना होगा.
उन्होंने कुछ बड़े राज्यों और शहरों में कोविड-19 का संक्रमण अधिक फैलने की ओर ध्यान दिलाते हुए मुख्यमंत्रियों से उनके राज्य की मौजूदा जांच क्षमता का पूरी तरह इस्तेमाल करने और स्वास्थ्य ढांचे का विस्तार करने को कहा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि दोबारा लॉकडाउन लगने की अफवाहों से ‘लड़ने’ की जरूरत है. उन्होंने ‘लॉकडाउन की अफवाहों से लड़ने’ की जरूरत बताते हुए कहा कि देश अब ‘खुलने के चरण’ में है. मोदी ने कहा, हमें अब अनलॉक के दूसरे चरण के बारे में सोचना होगा और यह भी विचार करना होगा कि हमारे लोगों को नुकसान की कम से कम आशंका रहे.
उन्होंने कहा कि पाबंदियों में ढील, आर्थिक प्रदर्शन के संकेतक पटरी पर लौटने का संकेत दे रहे हैं. मुद्रास्फीति नियंत्रित है और राज्यों को बुनियादी ढांचे यथा निर्माण संबंधी गतिविधियों को मजबूत करने के लिए कदम उठाने चाहिए.
प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस को और फैलने से रोकने पर राज्यों से विचार-विमर्श जारी रखते हुए बुधवार को 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और उनके प्रतिनिधियों से बातचीत की. मोदी ने कहा कि बड़ी भीड़, सामाजिक दूरी के नियम का पालन नहीं करना, बड़ी संख्या में लोगों की रोजाना आवाजाही तथा कुछ शहरों में छोटे मकानों ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को ‘अधिक चुनौतीपूर्ण’ बना दिया है.
प्रधानमंत्री ने लगातार दूसरे दिन मुख्यमंत्रियों से बातचीत की जो उनकी राज्यों के साथ छठे दौर की बातचीत थी. एक बयान के अनुसार मोदी ने कहा कि जीवन की रक्षा पहली प्राथमिकता होनी चाहिए. उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे के विस्तार की भी जरूरत बताई.
संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने का जिक्र करते हुए मोदी ने महामारी से निपटने के लिए कोविड-19 की जांच करने, रोगियों का पता लगाने और उन्हें अलग रखने की जरूरत रेखांकित की. इस तरह की आलोचनाएं सामने आई हैं कि दिल्ली समेत कुछ राज्य और शहरों में पर्याप्त जांच नहीं हो रही हैं.
हालांकि प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वस्थ होने वाले रोगियों की संख्या भी बढ़ रही है और राहत की बात है कि बहुत कम रोगियों को आईसीयू तथा वेंटिलेटर की जरूरत है. प्रधानमंत्री ने कहा कि देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान लोगों के अनुशासन ने वायरस के अतिशय प्रसार पर रोक लगाई.
उन्होंने कहा कि भारत अब रोगियों के उपचार, स्वास्थ्य ढांचे और प्रशिक्षित श्रमशक्ति के मामले में पहले से बेहतर स्थिति में है. वायरस से निपटने की क्षमता विस्तार के बारे में बात करते हुए उन्होंने राज्यों से स्वास्थ्य ढांचे, सूचना प्रणाली, भावनात्मक समर्थन और जनता की भागीदारी पर जोर देते रहने को कहा.
राज्यों और स्थानीय प्रशासन के प्रयासों की सराहना करते हुए मोदी ने कहा कि देश में अब 900 से अधिक कोविड-19 जांच प्रयोगशालाएं हैं, लाखों की संख्या में बिस्तर हैं, हजारों पृथक-वास केंद्र हैं, पर्याप्त संख्या में जांच किट हैं, जहां एक करोड़ से अधिक पीपीई और करीब इतने ही एन-95 मास्क राज्यों को दिये गये हैं.
उन्होंने कहा कि कुछ स्थानों पर कोरोना वायरस के मामले बढ़ने के बावजूद लोगों के धैर्य, प्रशासन के कामकाज और कोरोना योद्धाओं के समर्पण ने सुनिश्चित किया है कि हालात बेकाबू नहीं हों. समय पर सूचना प्रदान करने के महत्व पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि हेल्पलाइन लोगों के लिए मददगार हों.
उन्होंने फोन से रोगियों को निर्देश देने के लिए वरिष्ठ डॉक्टरों तथा युवा स्वयंसेवियों के दल बनाने को भी कहा. मोदी ने इस बीमारी से जुड़े ‘कलंक’ से भी लड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि लोगों को विश्वास दिलाया जाना चाहिए कि अगर कोई संक्रमित हो गया है तो घबराहट की जरूरत नहीं है क्योंकि बड़ी संख्या में लोग सही हो रहे हैं. उन्होंने लोगों को वायरस से मुकाबले के लिए साफ-सफाई, मास्क पहनने और एक-दूसरे से दूरी बनाकर रखने के फायदे याद दिलाते रहने की जरूरत बताई.
प्रधानमंत्री ने राज्यों से एक दूसरे के साथ उनके सर्वश्रेष्ठ कामकाज को साझा करने को भी कहा. मोदी ने बुधवार को महाराष्ट्र,दिल्ली, कर्नाटक, गुजरात, उत्तर प्रदेश और बिहार समेत अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों से डिजिटल तरीके से बात की. इस वार्ता का महत्व इसलिए भी है, क्योंकि देश में कोरोना वायरस के अधिकतर मामले इन्हीं में से कुछ राज्यों से सामने आये हैं.
posted by – arbind kumar mishra