लखनऊ : हाथरस पीड़िता के परिवार वालों को मिलेगा 25 लाख मुआवजा, मकान और सरकारी नौकरी. इस बात की घोषणा आज प्रदेश सरकार की ओर से की गयी. घोषणा में यह बताया गया कि मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी. साथ ही राज्य सरकार ने तीन सदस्यीय एसआईटी की टीम भी गठित कर दी है जो मामले की जांच करेगी. प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हाथरस गैंगरेप पीड़िता के परिजनों से बातचीत की. उसके बाद प्रदेश सरकार द्वारा यह घोषणा की गयी है.
वहीं आज सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गयी है, जिसमें यह कहा गया है कि केस की जांच सीबीआई द्वारा कराई जाये या फिर किसी रिटायर्ड जज के नेतृत्व में एसआईटी मामले की जांच करें. साथ ही याचिका में यह मांग भी की गयी है कि केस को उत्तर प्रदेश से दिल्ली ट्रांसफर कर दिया जाये.
इधर मानवाधिकार आयोग ने उत्तर प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी और राज्य सरकार को एक 19 वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार और उसके साथ हुई क्रूरता को लेकर नोटिस जारी किया है. गौरतलब है कि हाथरस पीड़िता की मौत के बाद महिला अधिकार कार्यकर्ताओं को गुस्सा फूट गया है और उन्होंने पीड़िता का अंतिम संस्कार आधी रात को परिजनों की मर्जी के खिलाफ किये जाने पर आक्रोश जताया है. विपक्ष भी योगी सरकार पर हमलावर है और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी आदित्यनाथ से इस्तीफे की मांग की है.
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कल 19 वर्षीय गैंगरेप पीड़िता की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गयी थी. परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उसका अंतिम संस्कार जबरदस्ती आधी रात को कर दिया. हाथरस में पुलिस का जबरदस्त विरोध हो रहा है. चूंकि लड़की दलित थी इसलिए दलित संगठन भी आगे आकर न्याय की मांग कर रहे हैं . बसपा सुप्रीमो मायावती ने सुप्रीम कोर्ट से स्वत: संज्ञान लेने की मांग की है.
Posted By : Rajneesh Anand