Population Control Bill India, Policy, Act, Effect Sarkari Naukri, Government Schemes: उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण कानून (UP Population Control Bill) काफी चर्चा में है. दरअसल, राज्य सरकार जनसंख्या नियंत्रण को लेकर नए कानून बनाना चाहती है. कहा जा रहा है कि इसका उल्लंघन करने वालों को सरकारी योजनाओं (Government Schemes) या सरकारी नौकरियों (Government Jobs) से हाथ धोना पड़ सकता है. लेकिन, क्या आपको मालूम है यह कानून पहले से ही कई राज्यों में लागू है.
दरअसल, राज्य सरकार ने जनता से इस मामले में सुझाव भी मांगे है. सुझाव देने की अंतिम तारीख 19 जुलाई रखी गयी है. इस कानून के तहत यदि दो से अधिक बच्चे होते हैं तो कई सरकारी योजनाओं से व्यक्ति को हाथ धोना पड़ सकता है. इस नीति को कई लोग अनावश्यक तो कई महिलाओं के अधिकारों का हनन और कुछ मुसलमानों के साथ कथित रूप से भेदभाव करने का इल्जाम भी लगा रहे है. ऐसे में आइये जानते है और कौन से राज्य है जहां ये कानून पहले से लागू है.
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गर्वनमेंट जॉब के हकदार राजस्थान में वही लोग होते है जिनके दो से अधिक बच्चे नहीं है.
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राजस्थान के पंचायती राज्य एक्ट के तहत पंच सदस्य या इलेक्शन भी वही लड़ सकते है जो इस कानून का पालन कर रहे है.
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यहां दो से अधिक बच्चों की अनुमति केवल उन्हें ही दी गयी है जिनके कोई बच्चे दिव्यांग जन्मे हो.
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यहां भी वर्ष 2001 से दो बच्चों का कानून है.
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यदि राज्य सरकारी में नौकरी पाना है तो दो से अधिक बच्चे नहीं होने चाहिए.
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उच्च न्यायिक सेवाओं में भी यही नियम लागू है.
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ग्राम पंचांयत हो या नगर निगम के चुनाव, लड़ वही व्यक्ति सकते है जिसके दो से अधिक बच्चे न हो
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सार्वजनिक वितरण प्रणाली में ऐसी महिलाएं भी अपनी भागीदारी नहीं दे सकती हैं जिनके दो से अधिक बच्चे हैं
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गुजरात में भी वर्ष 2005 से यह कानून सख्ती से पालन किया जा रहा है.
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दो से अधिक बच्चे वाले गर्वनमेंट की किसी खास स्कीम का फायदा नहीं ले पा रहे हैं.
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पंचायत या नगर निगम जैसे चुनावों में उम्मीदवार के तौर पर खड़ा होना इन लोगों को वर्जित है.
30 मई 1994 के बाद से इन राज्यों में जिनके दो से अधिक बच्चे है वैसे कोई भी कैंडिडेट किसी भी चुनाव का हिस्सा नहीं बन सकते है.
इस राज्य में ब्लॉक डेवलपमेंट कमिटी का सदस्य हो या जिला पंचायत का इलेक्शन दो बच्चों के कानून को सख्ती से पालन करना पड़ता है.
ओडिशा जिला परिषद एक्ट के तहत भी वैसे दो से ज्यादा संतान वाले मां-बाप किसी भी प्रकार के ग्राम या शहरी क्षेत्र के चुनावों का हिस्सा नहीं बन सकते है और न इनके कोई पद पाने के हकदार है.
असम में पूर्व की भाजपा सरकार ने 1 जनवरी 2021 से दो से अधिक बच्चों के कानून को लागू किया था. जिसके अनुसार दो से अधिक बच्चे वाले पैरेंट्स किसी भी प्रकार के गर्वनमेंट जॉब से वंचित रहेंगे.
सुप्रिम कोर्ट के पूर्व जज वीआर कृष्णा अय्यर की अध्यक्षता में भी दो से अधिक बच्चों के नियम में सुधार किया गया था. जिसके अनुसार इस नियम के खिलाफ चलाए जाने वाले किसी भी प्रकार के अभियान पर जुर्माना लगाया जा सकता है. हालांकि, इसे कानून के रूप में नहीं शामिल किया जा सका.
Posted By: Sumit Kumar Verma