Parliament Winter Session: शीतकालीन सत्र होगा हंगामेदार, विपक्ष ने कसी कमर, ये मुद्दे गूंजेंगे सदन में
Parliament Winter Session: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने के लिए वह सभी दलों के नेताओं के साथ चर्चा करेंगे और उन्हें उम्मीद है कि सत्र निर्बाध चलेगा तथा कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) में तय सभी मुद्दों पर सार्थक चर्चा होगी.
Parliament Winter Session : संसद का शीतकालीन सत्र हंगामेदार होने वाला है. पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से ठीक पहले एक महीने तक चलने वाले शीतकालीन सत्र के माध्यम से विपक्ष कई मुद्दों पर देश का ध्यान खींचने की कोशिश करेगा. ऐसे में पक्ष और विपक्ष के बीच सदन में जोरदार बहस देखने को मिल सकती है. संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से 23 दिसंबर के बीच आयोजित करने की अनुशंसा की है.
राज्यसभा में टीएमसी के नेता डेरेक ओब्रायन ने ट्विटर पर कहा कि सरकार ने दो अध्यादेशों में ईडी और सीबीआइ के निदेशकों का कार्यकाल दो साल से बढ़ाकर पांच साल कर दिया. संसद का शीतकालीन सत्र अब से दो सप्ताह में शुरू होने वाला है. आश्वस्त रहें, विपक्षी दल भारत को निर्वाचित तानाशाही में बदलने से रोकने के लिए सबकुछ करेंगे. ओ ब्रायन ने 2013 में सीबीआइ की सुप्रीम कोर्ट द्वारा ‘पिंजरे में बंद तोते’ के तौर पर की गयी आलोचना का स्पष्ट तौर पर जिक्र करते हुए ट्वीट में पहले दो और फिर पांच तोतों के स्टिकर का भी इस्तेमाल किया. इसके अलावा पेगासस विवाद की भी गूंज संसद में सुनायी देगी. वहीं, कांग्रेस महंगाई समेत सुरक्षा के मुद्दे पर सरकार को घेरने वाली है.
सदन चलाने के लिए सभी दलों से करेंगे चर्चा : स्पीकर
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने के लिए वह सभी दलों के नेताओं के साथ चर्चा करेंगे और उन्हें उम्मीद है कि सत्र निर्बाध चलेगा तथा कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) में तय सभी मुद्दों पर सार्थक चर्चा होगी. आगामी संसद सत्र के बारे में एक सवाल के जवाब में लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि हमारे देश में बहुदलीय व्यवस्था है और वे सभी दलों के साथ चर्चा करेंगे.
अध्यादेश एजेंसियों के दुरुपयोग के लिए : कांग्रेस
कांग्रेस ने सीबीआइ और ईडी के निदेशकों का कार्यकाल बढ़ाने संबंधी अध्यादेशों को लेकर सोमवार को केंद्र पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि ये कदम उसने सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग करने तथा अपने हितों की रक्षा करने के मकसद से उठाया है. पार्टी ने यह दावा भी किया कि 29 नवंबर से आरंभ होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र से 15 दिन पहले अध्यादेशों को लाना संसद का अनादर करना है.
अध्यादेशों के खिलाफ सांविधिक संकल्प का नोटिस
तृणमूल कांगेस ने राज्यसभा में सांविधिक संकल्पों का एक नोटिस देकर सीबीआइ और ईडी प्रमुखों का कार्यकाल बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा जारी किये गये अध्यादेशों पर आपत्ति जतायी. कानून एवं न्याय मंत्रालय द्वारा लाये गये दो अध्यादेशों में यह प्रावधान किया गया है कि ईडी या सीबीआइ प्रमुख का दो साल का कार्यकाल समाप्त होने के बाद, केंद्र सरकार उनका कार्यकाल एक-एक साल कर लगातार तीन साल के लिए बढ़ा सकती है.