बेंगलुरू: 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए 189 उम्मीदवारों की पहली सूची की घोषणा करने के एक दिन बाद, कर्नाटक में भाजपा को भावनात्मक रूप से विद्रोह का सामना करना पड़ा, जहां बुधवार को दो एमएलसी ने पार्टी छोड़ दी वहीं छह बार के विधायक ने चुनावी राजनीति से रिटायरमेंट की घोषणा कर दी. एक अन्य विधायक ने मीडिया के सामने यह कहते हुए सिसकियां लीं कि चीजों को कैसे हैंडल किया जाता है, इसमें ‘दया की कमी’ है. पूर्व डिप्टी सीएम लक्ष्मण सावदी ने एमएलसी के रूप में और पार्टी से अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा कि वह एक सीट के लिए “भीख मांगने के लिए जाने के लिए बेशर्म” नहीं हैं, उन्हें बेलागवी जिले के अथानी से टिकट से वंचित कर दिया गया है.
पारंपरिक वोट बैंक से आगे बढ़ने की अपनी कोशिश में, बीजेपी ने कर्नाटक चुनावों के लिए 189 की अपनी पहली सूची में 41 वोक्कालिगा उम्मीदवारों का नाम दिया है, जिसे एक सोची समझी चाल के रूप में देखा जाता है, क्योंकि पार्टी ने समुदाय में पहले अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है- पुराने मैसूर क्षेत्र का वर्चस्व है, जिसकी संख्या 59 है. कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी को वोक्कालिगा को लुभाने की उम्मीद देर रात जारी 23 सीटों के लिए दूसरी सूची में मदल विरुपाक्षप्पा समेत सात विधायकों का टिकट काट दिया गया.
बीजेपी शुक्रवार को बाकी 12 सीटों के लिए नाम जारी कर सकती है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि सावदी कांग्रेस में शामिल होने और अथानी से चुनाव लड़ने पर विचार कर रहे हैं. 63 वर्षीय सावदी ने कहा, “मैं गुरुवार को अपने अगले राजनीतिक कदम की घोषणा करूंगा और शुक्रवार को इस पर काम करना शुरू करूंगा.”
भाजपा के अठानी का टिकट मौजूदा विधायक महेश कुमथल्ली को दिया गया है, जिन्हें पूर्व मंत्री और चीनी कारोबारी रमेश जारकीहोली का समर्थन प्राप्त था. वह जारकीहोली सहित दलबदलुओं में से थे, जिन्होंने बीजेपी को कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन को गिराने और 2019 में अपनी सरकार बनाने में मदद की थी. इधर अपने करीबी दोस्त यशपाल सुवर्णा को टिकट दिए जाने के एक दिन बाद उडुपी विधायक रघुपति भट मीडियाकर्मियों के सामने रो पड़े. उन्होंने कहा, “मैं पार्टी के फैसले से दुखी नहीं हूं, लेकिन जिस तरह से पार्टी ने मेरे साथ व्यवहार किया है, उससे मैं दुखी हूं.
वहीं, बंदरगाहों और अंतर्देशीय परिवहन मंत्री और दक्षिण कन्नड़ जिले के सुलिया से छह बार के विधायक ने टिकट से वंचित होने के बाद राजनीति से सेवानिवृत्ति की घोषणा कर दी है, इस सीट से बीजेपी ने भागीरथी मुरुल्या को उम्मीदवार बनाया है. उन्होंने कहा, “पार्टी के लिए मेहनत करने वाले विधायक के साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया जाता. मैं बिना किसी दाग के पार्टी और समाज के लिए काम करता रहा हूं, लेकिन ईमानदारी की कोई कीमत नहीं है. उन्होंने कहा, “पार्टी सुलिया से अपने उम्मीदवार का ख्याल रखे. ” जगदीश शेट्टार को पहली सूची में अपना नाम नहीं होने पर खुले तौर पर नाखुशी व्यक्त करने के बाद पार्टी नेतृत्व द्वारा दिल्ली बुलाया गया था, जबकि उन्होंने संकेत दिया था कि वह एक विद्रोही के रूप में चुनाव लड़ेंगे.