UPSC Civil Service Exam : हम आपसे उम्रसीमा बढ़ाने के लिए नहीं कह रहे, बल्कि सिर्फ एक मौके की रियायत देने की बात कह रहे हैं, वह भी इसलिए क्योंकि पहले भी ऐसा हो चुका है. उक्त बातें सुप्रीम कोर्ट (supreme court) ने केंद्र (centre) से यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (UPSC Civil Service Exam) में एक मौका दिये जाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए कही. एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू (additional solicitor general sv raju) सुप्रीम कोर्ट में केंद्र का पक्ष रख रहे हैं.
गौरतलब है कि अक्टूबर 2020 में आयोजित परीक्षा में कई ऐसे अभ्यर्थी कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण शामिल नहीं हुए जिनका परीक्षा में शामिल होने का यह अंतिम मौका था. जस्टिस एएम खानविलकर ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल से दो सवाल पूछा हैं और सोमवार तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल से जो जवाब मांगा है, उनमें एक सवाल यह है कि अगर एक बार परीक्षा में शामिल होने का मौका दिया जाता है तो कितने अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल होंगे और दूसरा सवाल यह है कि यूपीएससी के इतिहास में अबतक कब-कब ऐसा हुआ है कि अभ्यर्थियों को परीक्षा देने का एक अतिरिक्त मौका दिया गया.
गौरतलब है कि मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सुप्रीम कोर्ट से यह कह चुका है कि वह अभ्यर्थियों को और मौका देने के पक्ष में नहीं है. हालांकि कोर्ट ने अभी इस मामले में अंतिम फैसला नहीं सुनाया है, इसलिए वैसे अभ्यर्थी जिनके लिए यूपीएससी की परीक्षा में बैठने का अवसर समाप्त हो चुका है, उनके लिए अभी उम्मीद की किरण शेष है. मामले की अगली सुनवाई एक फरवरी को होगी.
Posted By : Rajneesh Anand