कोरोना वायरस महामारी के कारण यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा (UPSC, Civil Services) में नहीं बैठ पाए उम्मीदवारों को दूसरा मौका मिलेगा या नहीं इस मामले को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट सुनवाई होगी. यह मामला इसलिए भी खास है क्योंकि, केन्द्र सरकार उन अभ्यर्थियों को अतिरिक्त मौका देने के पक्ष में नहीं है जिन्होंने साल 2020 में यह परीक्षा कोरोना के कारण छोड़ दिये थे.
बीते, शुक्रवार को ही पिछली सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार साफ कर दिया था कि वो अभ्यर्थियों को अतिरिक्त मौका देने के पक्ष में नहीं है. हालांकि, इसपर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से हलफनामा दायर करने को कहा था. ऐसे में आज की सुनवाई उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो 2020 में अपने आखिरी प्रयास के तहत परीक्षा नहीं दे पाए थे. गौरतलब है कि, कुछ अभ्यर्थी कोरोना महामारी के कारण यूपीएससी सिविल सर्विस की प्रारंभिक परीक्षा नहीं दे पाए थे.
जस्टिस एएम खानविल्कर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है. पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल करते हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि सरकार से मिली जानकारी के आधार पर केंद्र सरकार अतिरिक्त मौके देने पर सहमत नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने हलफनामा दाखिल करने के लिए समय की मांग की थी.
गौरतलब है कि, यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा पिछले साल 2020 के अक्तूबर में आयोजित की गयी थी. कोरोना संकट के बीच ली गयी परीक्षा में कुछ अभ्यर्थी उपस्थित नहीं हो सके थे. प्रारंभिक परीक्षा में अनुपस्थित अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट से कोरोना संकट के कारण यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा के लिए अतिरिक्त मौके दिये जाने की गुहार लगायी थी.
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Postedt by: Pritish sahay