UPSC में लेटरल एंट्री से भड़के राहुल गांधी, कहा- खुलेआम SC, ST और OBC वर्ग का आरक्षण छीना जा रहा

UPSC में लेटरल एंट्री से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी गुस्से में हैं. उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है.

By ArbindKumar Mishra | August 18, 2024 3:55 PM

UPSC: राहुल गांधी ने यूपीएससी में लेटरल एंट्री को लेकर एक्स पर लंबा पोस्ट डाला. उन्होंने अपने पोस्ट के माध्यम से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला. राहुल गांधी ने लिखा, नरेंद्र मोदी संघ लोक सेवा आयोग की जगह ‘राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ’ के जरिए लोकसेवकों की भर्ती कर संविधान पर हमला कर रहे हैं. राहुल गांधी ने आरक्षण का मुद्दा उठाते हुए कहा, केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में महत्वपूर्ण पदों पर लेटरल एंट्री के जरिए भर्ती कर खुलेआम SC, ST और OBC वर्ग का आरक्षण छीना जा रहा है. मैंने हमेशा कहा है कि टॉप ब्यूरोक्रेसी समेत देश के सभी शीर्ष पदों पर वंचितों का प्रतिनिधित्व नहीं है, उसे सुधारने के बजाय लेटरल एंट्री द्वारा उन्हें शीर्ष पदों से और दूर किया जा रहा है.

‘IAS का निजीकरण’ आरक्षण खत्म करने की ‘मोदी की गारंटी’

यह UPSC की तैयारी कर रहे प्रतिभाशाली युवाओं के हक पर डाका और वंचितों के आरक्षण समेत सामाजिक न्याय की परिकल्पना पर चोट है. ‘चंद कॉरपोरेट्स’ के प्रतिनिधि निर्णायक सरकारी पदों पर बैठकर क्या कारनामे करेंगे इसका ज्वलंत उदाहरण SEBI है, जहां निजी क्षेत्र से आने वाले को पहली बार चेयरपर्सन बनाया गया. प्रशासनिक ढांचे और सामाजिक न्याय दोनों को चोट पहुंचाने वाले इस देश विरोधी कदम का INDIA मजबूती से विरोध करेगा. ‘IAS का निजीकरण’ आरक्षण खत्म करने की ‘मोदी की गारंटी’ है.

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अखिलेश और मायावती ने भी लेटरल एंट्री पर बोला हमला

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने केंद्र के विभिन्न मंत्रालयों में संयुक्त सचिवों, निदेशकों और उप सचिवों के प्रमुख पदों पर ‘लेटरल एंट्री’ के जरिये जल्द ही 45 विशेषज्ञ नियुक्त किए जाने के फैसले की की निंदा की. दोनों नेताओं ने इसे सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मनमानी बताया और साजिश और संविधान का उल्लंघन करार दिया.

‘लेटरल एंट्री’ से भर्ती: यूपीएससी ने विभिन्न मंत्रालयों में 45 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया

शासन की सुगमता के लिए नयी प्रतिभाओं को शामिल करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत केंद्र के विभिन्न मंत्रालयों में संयुक्त सचिवों, निदेशकों और उप सचिवों के प्रमुख पदों पर जल्द ही 45 विशेषज्ञ नियुक्त किए जाएंगे. आमतौर पर ऐसे पदों पर अखिल भारतीय सेवाओं – भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय वन सेवा (आईएफओएस) – और अन्य ‘ग्रुप ए’ सेवाओं के अधिकारी तैनात होते हैं. संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने शनिवार को 45 पदों के लिए विज्ञापन दिया, जिनमें 10 संयुक्त सचिव और 35 निदेशक/उप सचिव के पद शामिल हैं. इन पदों को अनुबंध के आधार पर ‘लेटरल एंट्री’ के माध्यम से भरा जाना है.

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