भारत के रूस से एस-400 मिसाइल खरीदने के फैसले पर अमेरिका ने फिर जताई आपत्ति, आपसी संबंधों के लिए बताई समस्या
रूस से एस-400 मिसाइल प्रणाली खरीदने की वजह से अमेरिका ने नाटों के सदस्य देश तुर्की पर प्रतिबंध लगा दिए थे.
नई दिल्ली : अभी पिछले महीने ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन दिवसीय यात्रा के कुछ दिनों बाद ही अमेरिका ने भारत द्वारा रूस से एस-400 मिसाइल खरीदने के फैसले पर आपत्ति जाहिर की है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रूस से एस-400 ट्रायम्फ मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने का भारत का फैसला दोनों देशों के आपसी संबंधों में एक समस्या के तौर पर सामने आया है.
अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि यह सौदा सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी किसी के हित में नहीं है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका और भारत एक दूसरे के मजबूत सहयोगी हैं और उम्मी की जा रही है कि दोनों देश इस मसले को द्विपक्षीय वार्ता के जरिए हल करने का प्रयास करेंगे.
अमेरिका की डिप्टी सेक्रेटरी ऑफ स्टेट वेंडी आर शर्मन ने नई दिल्ली में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि जो भी देश एस-400 ट्रायम्फ मिसाइल प्रणाली के इस्तेमाल करने का फैसला करता है, उन्हें लेकर हमारी नीतियां सार्वजनिक रही हैं. हमें लगता है कि यह खतरनाक है और यह किसी के भी सुरक्षा हितों में नहीं है.
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बता दें कि रूस से एस-400 मिसाइल प्रणाली खरीदने की वजह से अमेरिका ने नाटों के सदस्य देश तुर्की पर प्रतिबंध लगा दिए थे. ऐसे में, इस बात की भी आशंका जाहिर की जा रही है कि अमेरिका भारत पर भी इस तरह के प्रतिबंध लगा सकता है.
वेंडी आर शर्मन ने विदेश सचिव हष श्रृंगला के साथ अपनी बैठक में रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के भारत के फैसले पर अमेरिका की असहजता को दोहराया है. इस मामले को लेकर अमेरिका की ओर से भारत पर प्रतिबंध लगाए जाने के सवाल पर शर्मन ने कहा कि हम भविष्य को लेकर काफी सोच-विचार कर रहे हैं और हमारे देशों के बीच वार्ता से कई समस्याएं सुलझी हैं.