भारत और अमेरिका अफगानिस्तान के ताजा हालात पर मिलकर कोई फैसला ले सकते हैं. यह उम्मीद इसलिए की जा रही है क्योंकि अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन दो दिनों के भारत यात्रा पर हैं. इस यात्रा से दोनों देशों के रिश्तों में मजबूती के साथ- साथ कई अहम मुद्दों पर सहमति की उम्मीद जतायी जा रही है.
अमेरिका के विदेश मंत्री ने कहा, लोकतंत्र और अंतरराष्ट्रीय स्वतंत्रता के लिए वैश्विक खतरा बढ़ा है. भारत और अमेरिक अग्रणी लोकतंत्र के रूप में एक साथ खड़े हैं. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, दोनों देशों को लोकतंत्र को और मजबूत करने लचीला बनाना है. इसके लिए जीवंत नागरिक समाज की भी आवश्यक्ता है.
ब्लिंकन की यात्रा से पहले ही अमेरिका ने संकते दिये थे कि वह मानवाधिकार और लोकतंत्र को मजबूत करने के पक्ष में है. अमेरिका ने हाल के दिनों में कश्मीर,देश में किसानों के विरोध प्रदर्शन जैसे मुद्दों पर बात की है. बुधवार को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने भी चर्चा की.
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ब्लिंकन ने भारत और अमेरिका को ऐसे लोकतंत्रों के रूप में वर्णित किया जो हमेशा इसे महत्व देते हैं और लोकतंत्र को बेहतर करने की दिशा में प्रयास करते हैं. कभी-कभी यह प्रक्रिया दर्दनाक होती है, कभी-कभी यह बदसूरत होती है, लेकिन लोकतंत्र की ताकत इसे गले लगाने की होती है.
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ब्लिंकन ने कहा, हम कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात करेंगे, जिन पर दोनों पक्ष मिलकर काम कर रहे हैं, जिसमें कोविड -19, जलवायु परिवर्तन, रक्षा, आपसी सुरक्षा, व्यापार और निवेश, शिक्षा, ऊर्जा और विज्ञान और प्रौद्योगिकी शामिल हैं.