यूपी के चित्रकूट से किशोरी का शव बरामद होने के मामले में तीन आरोपी गिरफ्तार, दो पुलिसकर्मी सस्पेंड

Uttarpradesh: उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले में एक नाबालिग लड़की का शव फांसी से झूलता हुआ पाया गया. आशंका जतायी जा रही है कि गैंगरेप के बाद उसे फांसी पर लटका दिया गया. एएनआई के मुताबिक नाबालिग का शव उसके घर पर फंदे से लटका हुआ पाया गया. शहर के सीओ रजनीश यादव ने बताया कि इस मामले में "एससी / एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जा रहा है. मामले की जांच की जा रही है. आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल लड़की की मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 14, 2020 1:18 PM

उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले में एक नाबालिग लड़की का शव फांसी से झूलता हुआ पाया गया. आशंका जतायी जा रही है कि गैंगरेप के बाद उसे फांसी पर लटका दिया गया. एएनआई के मुताबिक नाबालिग का शव उसके घर पर फंदे से लटका हुआ पाया गया. शहर के सीओ रजनीश यादव ने बताया कि इस मामले में “एससी / एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जा रहा है. मामले की जांच की जा रही है. आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल लड़की की मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है. वहीं इस मामले में पुलिस ने ताीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही दो पुलिसकर्मियों को भी सस्पेंड किया गया है.

उत्तर प्रदेश में महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ बढ़ते अपराधों को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महिला संबंधी अपराधों को फास्ट ट्रैक कोर्ट में एवं नाबालिग बच्चों के प्रकरणों को पॉक्सो कोर्ट में अभियोजित कराया जाएगा. अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि पीड़ित परिवार को तत्काल अनुमन्य सहायता उपलब्ध कराई जाए. अभियोजन की पैरवी प्रभावी हो, ताकि दोषियों को शीघ्र दंड मिले.

साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि आगरा, चित्रकूट एवं प्रतापगढ़ की घटनाओं के संबंध में ज़िला प्रशासन को त्वरित प्रभावी व कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. वरिष्ठ अधिकारी तत्काल मौका मुआयना करें. जांच संबंधी कार्यवाही समय से पूरी करें और पीड़ित परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करें.

बता दे कि हाथरस में 19 वर्षीया लड़की की सामूहिक बलात्कार के बाद उसकी निर्मम हत्या कर दी गयी है। इस मामले में मौत के बाद प्रशासन द्वारा देर रात शव जलाये जाने को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने नाराजगी जताते हुए घटना को मानवाधिकार का उल्लंघन करार दिया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने मामले में जवाबदेही तय करने के निर्देश देते हुए उत्तर प्रदेश सरकार से हाथरस जैसे मामलों में शवों के अंतिम संस्कार को लेकर नियम तय करने के भी निर्देश दिये हैं.

पीठ ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों, राजनीतिक पार्टियों समेत अन्य पक्षों को इस मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से कोई भी बयान देने से परहेज करने को कहा है.

लखनऊ पीठ के न्यायमूर्ति पंकज मित्थल और न्यायमूर्ति राजन रॉय की पीठ ने इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया से अपेक्षा की कि वे इस मुद्दे पर रिपोर्टिंग करने और परिचर्चा करते वक्त बेहद एहतियात बरतेंगे.

मालूम हो कि हाईकोर्ट ने हाथरस मामले के पीड़ित परिवार और राज्य सरकार के अधिकारियों की सुनवाई करने के बाद सोमवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे मंगलवार को जारी किया गया.

मालूम हो कि पिछले माह 14 सितंबर को हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र के एक गांव की रहनेवाली 19 वर्षीय दलित लड़की से चार युवकों ने कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया था. उसके बाद 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान लड़की की मौत हो गयी थी.

Posted By: Pawan Singh

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