उत्तराखंड : केंद्रीय नेतृत्व कर रहा है माथापच्ची, जानें कौन हो सकता है तीरथ सिंह रावत के मंत्रिमंडल में शामिल
uttarakhand Cabinet expansion : उत्तराखंड सरकार का आज मंत्रिमंडल विस्तार होना है. इस संबंध में उत्तराखंड के भाजपा प्रभारी दुष्यंत गौतम ने कहा कि 11 मंत्री शपथ लेंगे. संभवत: आज शाम पांच बजे शपथ ग्रहण का कार्यक्रम पूरा हो जाएगा. इसका मतलब है कि आज मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत (tirath singh rawat) अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर लेंगे.Uttarakhand govt crisis, trivendra rawat resignation, trivendra rawat, uttarakahnd bjp
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मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत अपने मंत्रिमंडल का विस्तार
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बुधवार शाम तीरथ सिंह रावत ने राजभवन में अकेले ही शपथ ली थी
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रावत के सामने मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर दो बड़ी चुनौतियां
uttarakhand Cabinet expansion : उत्तराखंड सरकार का आज मंत्रिमंडल विस्तार होना है. इस संबंध में उत्तराखंड के भाजपा प्रभारी दुष्यंत गौतम ने कहा कि 11 मंत्री शपथ लेंगे. मंत्रियों का नाम केंद्र नेतृत्व तय करेगा. जैसे ही हमें नाम मिलेगा हम शपथ ग्रहण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे. संभवत: आज शाम पांच बजे शपथ ग्रहण का कार्यक्रम पूरा हो जाएगा. इसका मतलब है कि आज मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत (tirath singh rawat) अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर लेंगे.
इससे पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने भी कहा था कि शुक्रवार को मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना है. हालांकि, उन्होंने कहा कि अभी तक इस बारे में उनके पास कोई आधिकारिक सूचना नहीं है. यहां चर्चा कर दें कि बुधवार शाम तीरथ सिंह रावत ने राजभवन में अकेले ही शपथ ली थी.
पार्टी सूत्रों का कहना है कि रावत के सामने मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर दो बड़ी चुनौतियां हैं. पहली चुनौती कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए उन विधायकों को लेकर है जो त्रिवेंद्र सिंह रावत मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण मंत्रालयों को संभाल रहे थे. इनमें सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत, यशपाल आर्य, सुबोध उनियाल और रेखा आर्य शामिल थे. मुख्यमंत्री के सामने दूसरी बड़ी चुनौती कुमाउं और गढवाल के बीच सामंजस्य और क्षेत्रीय संतुलन बनाने की है.
आपको बता दें कि पूर्ववर्ती मंत्रिमंडल में त्रिवेंद्र सिंह रावत के अलावा भाजपा के केवल तीन विधायकों को ही जगह मिल पाई थी जिनमें मदन कौशिक, अरविंद पांडे तथा धनसिंह रावत शामिल थे. कौशिक और पांडे जहां कैबिनेट मंत्री थे वहीं धन सिंह को राज्यमंत्री के रूप में जगह दी गयी थी. यदि आपको याद हो तो वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों में प्रदेश की 70 में से 57 सीटों पर जीत हासिल करके जबरदस्त बहुमत से सत्ता में आई भाजपा सरकार की कमान संभालते समय त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने मंत्रिमंडल में अपने अलावा केवल नौ मंत्रियों को ही शामिल किया था.
प्रदेश मंत्रिमंडल में अधिकतम 12 सदस्य हो सकते हैं लेकिन त्रिवेंद्र सिंह मंत्रिमंडल में दो पद खाली छोड़ दिए गए. जून 2019 में प्रदेश के वित्त और आबकारी मंत्री प्रकाश पंत का निधन हो गया जिसके बाद रिक्त मंत्री पदों की संख्या तीन हो गई. हालांकि, बार-बार चर्चाओं के बाद भी ये पद कभी भरे नहीं गए और जानकारों का कहना है कि इसे लेकर विधायकों की नाराजगी भी त्रिवेंद्र सिंह रावत के सत्ता से बाहर होने का एक प्रमुख कारण रही.
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वर्ष 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ हुई बगावत के बाद कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले 10 विधायकों में से नौ को पार्टी का टिकट मिला जिनमें से दो को छोड़कर सभी चुनाव जीते थे. एक अन्य विधायक अमृता रावत की जगह उनके पति सतपाल महाराज को वर्तमान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का टिकट काटकर चौबटटाखाल से चुनावी समर में उतारा गया जहां से वह जीत भी गए.
संभावित मंत्रियों के नाम पर एक नजर
बताया जा रहा है कि नरेंद्र नगर से विधायक सुबोध उनियाल , बाजपुर से विधायक यशपाल आर्य,यमकेश्वर से विधायक ऋतु खंडूरी, कालाढूंगी से विधायक बंशीधर भगत, चौबट्टाखाल से विधायक सतपाल महाराज, बदरीनाथ से विधायक महेंद्र भट्ट , खटीमा से विधायक पुष्कर सिंह धामी, हरिद्वार ग्रामीण से विधायक यतीश्वरानंद, डीडीहाट विधायक से विशन सिंह चुफाल, कोटद्वार से विधायक हरक सिंह रावत और श्रीनगर से विधायक धनसिंह रावत को नई सरकार में मंत्री पद दिया जा सकता है.
भाषा इनपुट के साथ
Posted By : Amitabh Kumar