उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने की इस्तीफे की पेशकश, आज विधायक दल की बैठक, नरेंद्र सिंह तोमर रहेंगे मौजूद
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने इस्तीफे की पेशकश की है. आजतक में प्रकाशित खबर के अनुसार तीरथ सिंह रावत ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने संवैधानिक संकट का हवाला देते हुए अपने इस्तीफे की पेशकश की है.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने इस्तीफे की पेशकश की है. आजतक में प्रकाशित खबर के अनुसार तीरथ सिंह रावत ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने संवैधानिक संकट का हवाला देते हुए अपने इस्तीफे की पेशकश की है. हालांकि कल आयोजित प्रेस काॅन्फ्रेंस में उन्होंने अपने इस्तीफे पर कुछ भी नहीं कहा, लेकिन शनिवार यानी आज देहरादून में विधायक दल की बैठक बुलाई गयी है. यह बैठक राज्य के मीडिया प्रभारी मानवीर सिंह चौहान ने बुलाई है. बैठक में सेंट्रल आॅब्जर्वर के तौर पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर उपस्थित रहेंगे.
Uttarakhand: BJP legislature party meeting is scheduled to be held at 3 pm tomorrow at the party headquarters. The meeting will be held under the chairmanship of state president Madan Kaushik, says State's media in-charge Manveer Singh Chauhan
— ANI (@ANI) July 2, 2021
सूत्रों के अनुसार उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि मैं उत्तराखंड से विधायक नहीं हूं और मेरे मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए यह आवश्यक है कि मैं छह महीने के अंदर विधायक चुना जाऊं, लेकिन प्रदेश में अगले साल चुनाव होना है, इसलिए अब उपचुनाव कराना नियमत: संभव नहीं होगा, इसलिए मैं अपने इस्तीफे की पेशकश कर रहा हूं ताकि प्रदेश में कोई संवैधानिक संकट उत्पन्न ना हो.
गौरतलब है कि पिछले दिनों तीरथ सिंह रावत को दिल्ली तलब किया गया था उस वक्त उन्होंने जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. उस वक्त से ही इस बात का अंदेशा जताया जाने लगा था कि प्रदेश में मुख्यमंत्री बदल सकता है.
त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफे के बाद बने थे सीएम
तीरथ सिंह रावत ने मार्च महीने में त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफा देने के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली थी, वे गढ़वाल से भाजपा के सांसद थे. तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बने अभी चार महीने भी नहीं हुए हैं और उन्होंने इस्तीफे की पेशकश कर दी है. उन्हें मुख्यमंत्री बने रहने के लिए छह माह के अंदर प्रदेश के किसी भी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतना जरूरी है, लेकिन प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने की वजह से ऐसा होना संभव नहीं दिख रहा है, संभवत: इसलिए उन्होंने इस्तीफे की पेशकश की है.
Also Read:
इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के ऊपर दिखे ड्रोन, भारत ने पाकिस्तान के समक्ष जताया विरोध
Posted By : Rajneesh Anand