Uttarakhand Chamoli Flood: उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार को नंदा देवी ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटने से ऋषिगंगा घाटी में अचानक पानी बढ़ गया. इससे वहां दो पनबिजली परियोजनाओं में काम कर रहे सात लोगों की मौत हो गयी. वहीं, 125 से ज्यादा श्रमिक लापता हैं. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इलाके का जायजा लिया. और बताया कि सेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा प्रतिवादन बल और पुलिस के जवान बचाव और राहत कार्य में जुटे हैं.
वहीं, एक सुरंग में फंसे सभी 16 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. रावत के मुताबिक, पानी आने के समय 13.2 मेगावाट की ऋषिगंगा परियोजना और एनटीपीसी की 480 मेगावाट तपोवन-विष्णुगाड परियोजना में लगभग 176 श्रमिक काम कर रहे थे. इन श्रमिकों में से कुछ लोग पहले ही बाहर आ गये थे.
रिपोर्ट के मुताबिक बाढ़ से दोनों पनबिजली परियोजनाओं को नुकसान हुआ है. केंद्र ने एनटीपीसी के प्रबंध निदेशक को प्रभावित स्थल पर पहुंचने के लिए कहा है. यूपी सरकार ने गंगा नदी के किनारे पड़ने वाले जिलों के डीएम व एसपी से सतर्कता बरतने को कहा है.
खास बातें:
16 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया
सेना ने 400 सैनिक व दो मेडिकल टीमें भेजीं
पानी घटा, निचले इलाकों से टला खतरा
कारणों का अध्ययन करने के लिए ग्लेशियोलॉजिस्ट की दो टीम जोशीमठ-तपोवन जायेगी
गोपेश्वर में नदी का जल स्तर बढ़ रहा है, आसपास के लोगों को किया गया सतर्क
धौली गंगा नदी पर तपोवन में एनटीपीसी की एक जल परियोजना को पहुंचा नुकसान
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ने लोगों की सुरक्षा की कामना की: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने चमोली में अचानक आये जल सैलाब की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की और लोगों की सुरक्षा की कामना की. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश उत्तराखंड के साथ खड़ा है. उन्होंने चार बार सीएम रावत से बात की.
पीएम व सीएम की तरफ से मुआवजे का एलान : प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि मृतकों के परिजनों को दी जायेगी. घायल लोगों को 50-50 हजार रुपये दी जायेगी. वहीं, मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को चार चार लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की.
केदारनाथ आपदा की याद : उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार को नंदा देवी ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटने से अचानक आये जल सैलाव ने सात साल पहले की केदारनाथ आपदा की यादें फिर से ताजा कर दीं. हालांकि, गनीमत यह रही कि 2013 की तरह इस बार बारिश नहीं थी और आसमान पूरी तरह साफ था, जिससे हेलीकॉप्टर उड़ाने में मौसम बाधा नहीं बना.
Also Read: Chamoli Glacier Break : उत्तराखंड में कुदरत का कहर, चमोली में ग्लेशियर टूटने से बड़ी तबाहीजोशीमठ में धौली गंगा नदी का जल उच्च स्तर पर पहुंचा: केंद्रीय जल आयोग ने बताया कि जोशीमठ में धौली गंगा नदी का जल खतरनाक रूप से उच्च स्तर पर बह रहा है. ग्लेशियर टूटने के बाद रविवार सुबह 11 बजे जोशीमठ में जल स्तर 1,388 मीटर दर्ज किया गया. आयोग के मुताबिक, 2013 में उत्तराखंड में बाढ़ के दौरान जोशीमठ में जल का उच्चतम स्तर 1,385.54 मीटर था. जोशीमठ में छह फरवरी की दोपहर को एक बजे जल स्तर 1,372.58 मीटर था.
Also Read: उत्तराखंड के चमोली में टूटा ग्लेशियर, देखें कितना भयावह था मंजरबचाव कर्मियों ने बरामद किये आठ शव : चमोली जिले के तपोवन के धौलीगंगा में बचाव अभियान से आठ शव बरामद किये गये हैं. आईटीबीपी, भारतीय सेना, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ बचाव कार्य में लगे हुए हैं. हादसे पर अमेरिका, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और नेपाल सहित दुनिया के कई देशों ने संवेदना जतायी है.Uttarakhand Chamoli Flood:
Posted by: Pritish Sahay