24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Uttarakhand Rescue Operations : ITBP के जवानों की जमीन के अंदर ऐसे होती है ट्रेनिंग, एडवेंचर स्पोर्ट्स सहित इनके होते हैं महारथी

तपोवन टनल (tapovan tunnel) में आईटीबी (ITBP) और एनडीआरएफ (NDRF) की टीम जुटी हुई है. टनल में टीम काफी अंदर तक जा चुकी है लेकिन मलबे के कारण इन मजदूरों को अभी निकाला नहीं गया है. आईटीबीपी (ITBP) के जवान पिछले 48 घंटे से बचाव कार्य में जुटे हैं, लेकिन अभी उन्हें सफलता नहीं मिली है.

उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर फटने से जो आपदा आयी उससे निपटने के लिए आईटीबीपी के जवान दिन-रात लगे हुए हैं. अबतक 28 लोगों का शव बरामद हो चुका है. तपोवन टनल में फंसे 35 लोगों को निकालने के लिए आईटीबीपी के जवान फंसे हुए हैं.

तपोवन टनल में आईटीबी और एनडीआरएफ की टीम जुटी हुई है. टनल में टीम काफी अंदर तक जा चुकी है लेकिन मलबे के कारण इन मजदूरों को अभी निकाला नहीं गया है.

आईटीबीपी के जवान पिछले 48 घंटे से बचाव कार्य में जुटे हैं, लेकिन अभी उन्हें सफलता नहीं मिली है. रविवार को 16 लोगों के टनल से निकाला गया था जो उनकी बड़ी सफलता थी. आईटीबीपी के जवान पहाड़ी इलाकों में आपदाओं से निपटने के लिए ऐसे ही मुस्तैद रहते हैं. वर्ष 2013 की आपदा में भी इन्होंने बखूबी बचाव कार्य चलाया था.

Undefined
Uttarakhand rescue operations : itbp के जवानों की जमीन के अंदर ऐसे होती है ट्रेनिंग, एडवेंचर स्पोर्ट्स सहित इनके होते हैं महारथी 3

ITBP को पहाड़ी इलाकों में तैनात किया जाता है. इनका काम प्राकृतिक आपदाओं के वक्त पूरी मुस्तदी से राहत कार्य से जुड़ा है. इसके लिए इन्हें विशेष तरह की ट्रेनिंग दी जाती है. वैसे तो ITBP ने कई रेस्क्यू आपरेशन चलाये हैं, लेकिन 2013 में उत्तराखंड में जो प्राकृतिक आपदा केदारनाथ में आयी थी उसमें इनका बचाव कार्य अद्‌भुत और अविस्मरणीय था. इस आपरेशन में 33 हजार से ज्यादा तीर्थयात्रियों की जान बचायी गयी थी. आइए जानते हैं कैसे आईटीबीपी के जवान एक आम इंसान से ट्रेनिंग के जरिये बन जाते हैं लोहे की तरह मजबूत.

Also Read: VIDEO : राज्यसभा में भाषण के दौरान रो पड़े पीएम मोदी, जानें कब-कब संसद में हुए हैं भावुक…
Undefined
Uttarakhand rescue operations : itbp के जवानों की जमीन के अंदर ऐसे होती है ट्रेनिंग, एडवेंचर स्पोर्ट्स सहित इनके होते हैं महारथी 4

आईटीबीपी अकेडमी उत्तराखंड में कमांडो की ट्रेनिंग दी जाती है. यहां उन्हें यह बताया जाता है कि कैसे वे बिना हथियार के पहाड़ों में खुद को सुरक्षित रख सकते हैं. ट्रेनिंग के दौरान उन्हें चार से पांच घंटे तक जमीन के अंदर रखकर ट्रेनिंग दी जाती है, ताकि प्राकृतिक आपदा के समय उन्हें दिक्कत ना हो.

इसके अलावा वजन उठाकर चलना, दौड़ना पहाड़ पर चढ़ना सबकुछ सिखाया जाता है. जवानों को पर्वतारोहण, एडवेंचर स्पोर्ट्स मुश्किल परिस्थिति में सर्वाइवल, माउंटेन वॉरफेयर, जंगल वॉरफेयर, स्कीइंग, रॉक-आइस क्राफ्ट और ग्लेशियर ट्रेनिंग, रिवर राफ्टिंग, रॉक क्लाइम्बिंग इत्यादि की ट्रेनिंग दी जाती है.

Posted By : Rajneesh Anand

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें