Uttarakhand Glacial Burst Rescue Operation In Chamoli उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में रविवार को ग्लेशियर टूटने से आयी बड़ी तबाही के बाद अब वहां जिंदगी पटरी पर लौट रही है. गांव में फंसे लोगों की मदद के लिए भारतीय सेना ने एक ट्रॉली वाला पुल तैयार किया है. भारतीय सेना के इन प्रयासों से गांव में फंसे लोगों की आवाजाही शुरू हो गई है. साथ ही गांव वालों तक हर रोज की जरूरत का सामान भी अब एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाया जा रहा है.
Uttarakhand: Indian Army uses trolley to connect villages cut off after glacier burst in Chamoli
— ANI (@ANI) February 12, 2021
"A footbridge was broken due to flash floods, leaving people in villages disconnected. We've built aerial river crossing to provide connectivity," says Major Utkarsh Shukla pic.twitter.com/aQEWqQeC6K
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में मेजर उत्कर्ष शुक्ला ने बताया कि सैलाब में इन गांवों को जोड़ने वाला एक फुट ब्रिज बह गया था. जिसके बाद से इन गांवों का संपर्क दूसरे इलाकों से टूट गया था. इसी के मद्देनजर सेना ने रस्सी का सहारा लेकर गांव वालों से संपर्क बनाने का एक प्रयास किया है. ताकि उन तक जरूरत का सामना पहुंचाया जाए और वहां फंसे हुए लोगों को बाहर निकाला जा सकें.
बता दें कि ग्लेशियर फटने से आई तबाही के बाद तपोवन टनल में रेस्क्यू अभियान छठवें दिन भी जारी है. तपोवन प्रोजेक्ट के ठीक सामने धौलीगंगा नदी के ऊपर लोक निर्माण विभाग एक ट्रॉली पुल बना रहा है, ताकि दूसरी तरफ के भंग्यूल गांव समेत कई गांवों के लोगों को निकाला जा सके. वहीं एनटीपीसी प्लांट की तपोवन टनल में अब तक 105 मीटर मलबा निकाला जा चुका है, जबकि बचाव दल अब 185 मीटर तक अंदर पहुंच गया है.
उल्लेखनीय है कि चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में रविवार को ग्लेशियर टूटने से बड़ी तबाही मची है. अलकनंदा और इसकी सहायक नदियों में अचानक आई विकराल बाढ़ के कारण हिमालय की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ है. ऐसे में राहत और बचाव का काम शुरू हो गया है. जेसीबी के जरिए रास्तों को साफ किया जा रहा है.
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