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Uttarakhand Glacier Burst Updates : चमोली ग्लेशियर आपदा में अब तक 26 की मौत, 171 लोग अभी भी लापता, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

Uttarakhand glacier burst LIVE Updates, joshimath, chamoli, glacier, dhauliganga, uttarakhand flood, tapovan, rishikesh news, alaknanda : उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने (glacier avalanche) से बड़ा हादसा हो गया जिसमें कई लोगों की जान चली गई. अभी भी 100 से अधिक लोग लापता हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन रात में भी जारी रहा. वहीं दूसरी ओर खबर है कि ग्लेशियर टूटने के बाद तपोवन के पास एक झील बन गई है. अब इस झील का जलस्तर लगातार बढ़ता नजर आ रहा है. उत्तराखंड त्रास्दी से जुड़ी हर बड़ी खबर के लिए बनें रहें prabhatkhabar.com के साथ...

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 8, 2021 10:24 PM

मुख्य बातें

Uttarakhand glacier burst LIVE Updates, joshimath, chamoli, glacier, dhauliganga, uttarakhand flood, tapovan, rishikesh news, alaknanda : उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने (glacier avalanche) से बड़ा हादसा हो गया जिसमें कई लोगों की जान चली गई. अभी भी 100 से अधिक लोग लापता हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन रात में भी जारी रहा. वहीं दूसरी ओर खबर है कि ग्लेशियर टूटने के बाद तपोवन के पास एक झील बन गई है. अब इस झील का जलस्तर लगातार बढ़ता नजर आ रहा है. उत्तराखंड त्रास्दी से जुड़ी हर बड़ी खबर के लिए बनें रहें prabhatkhabar.com के साथ…

लाइव अपडेट

उत्तराखंड त्रासदी : अब तक 26 शव बरामद, डीजीपी- अभी भी 171 लोग लापता

उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि आज रात 8 बजे तक 26 शव बरामद किए गए हैं. 171 लोग अभी भी लापता हैं जिनमें से लगभग 35 लोग सुरंग में हैं, जहां बचाव अभियान अभी भी जारी है.

उत्तराखंड बाढ़ के कारणों का पता लगा रहे हैं वैज्ञानिक

जलवायु परिवर्तन या पश्चिमी विक्षोभ के कारण बर्फ पिघलने से उत्तराखंड के चमोली जिले में बाढ़ आई होगी. यह बात सोमवार को विशेषज्ञों ने कही है जो रविवार को हुए हिमस्खलन तथा बाढ़ के कारणों का पता लगा रहे हैं. इस बाढ़ ने उत्तराखंड में 2013 की त्रासदी से पैदा जख्मों को फिर से हरा कर दिया जब पहाड़ों में भीषण बाढ़ आने से हजारों लोगों की मौत हो गई थी.

चमोली त्रासदी : झारखंड सरकार ने राज्य के लोगों के लिए जारी किया हेल्पलाइन नंबर

उत्तराखंड के चमोली में रविवार को ग्लेशियर फटने की घटना के बाद राहत व बचाव कार्य जारी है. इस बीच, झारखंड सरकार ने चमोली में फंसे राज्य के लोगों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है.

ग्लेशियर आपदा : जेपीवीएल ने विष्णुप्रयाग जल विद्युत परियोजना बंद की नयी

जयप्रकाश पावर वेंचर्स लिमिटेड (जेपीवीएल) ने कहा कि उत्तराखंड के चमोली जिले में बाढ़ की आशंका के मद्देनजर उसने एहतियात के तौर पर अपनी विष्णुप्रयाग जल विद्युत परियोजना को बंद कर दिया है. कंपनी ने एक बयान में कहा कि उसने रविवार बाढ़ की चेतावनी के बाद बिजली संयंत्र को बंद कर दिया. जेपीवीएल की 400 मेगावाट क्षमता वाली विष्णु्प्रयाग जल विद्युत परियोजना अलकनंदा नदी के बैराज पर स्थित है.

उत्तराखंड में जरूरत पड़ने पर बचाव एवं राहत कार्यों में मदद देंगे : UN महासचिव

भारत में उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में रविवार को नंदा देवी ग्लेशियर का एक हिस्सा टूट जाने के कारण ऋषिगंगा घाटी में अचानक आई भीषण बाढ़ में जानमाल के नुकसान पर संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनिया गुतारेस ने दुख जताया और कहा कि यदि जरूरत पड़ती है तो उत्तराखंड में जारी बचाव एवं राहत कार्यों में संगठन सहयोग देने के लिए तैयार है.

पूरा देश उत्तराखंड के साथ खड़ा है : राहुल

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने उत्तराखंड के चमोली जिले में हिमखंड टूटने के कारण आई विकराल बाढ़ से प्रभावित लोगों की सुरक्षा की कामना करते हुए सोमवार को कहा कि कहा कि संकट के इस समय पूरा देश राज्य के उत्तराखंड के साथ है. उन्होंने ट्वीट किया, पूरा देश उत्तराखंड के साथ है. इस समय सबसे जरूरी है कि आने वाले कुछ दिन राहत कार्य में कोई बाधा ना आए. मैं पूरे दिल से प्रभावितों के साथ हूं और आपकी सुरक्षा की कामना करता हूं.

उत्तराखंड बचाव कार्यों में तेजी

उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में अचानक आई विकराल बाढ़ के बाद प्रभावित क्षेत्र में बचाव और राहत अभियान में तेजी लाई गई है. वहीं, 142 से ज्यादा लोग अभी लापता हैं. इसके अलावा, आपदा प्रभावित क्षेत्र से अब तक 27 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है. बचाव और राहत अभियान जोरों से जारी है जिसमें बुलडोजर, जेसीबी आदि भारी मशीनों के अलावा रस्सियों और खोजी कुत्तों का भी उपयोग किया जा रहा है.

हिमस्खलन से तपोवन में निर्माणाधीन जलविद्युत संयंत्र का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ

सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनी एनटीपीसी ने कहा कि उत्तराखंड में रविवार को हुए हिमस्खलन से तपोवन में निर्माणाधीन जलविद्युत संयंत्र के एक हिस्से को नुकसान पहुंचा, लेकिन सेबी के दिशानिर्देशों के अनुसार कंपनी को आर्थिक क्षति के मद्देनजर इस घटना को महत्वपूर्ण (मटेरियल) नहीं माना जा सकता.

ली जा रही है स्निफर डॉग की मदद

चमोली ज़िले के तपोवन में टनल में राहत और बचाव कार्य अभी चल रहा है. आईटीबीपी के जवान बचाव कार्य में स्निफर डॉग की मदद ले रहे हैं.

18 शव बरामद

उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि अब तक हमने 18 शव बरामद किए हैं और लापता लोगों की संख्या 202 है. हमने टनल में 80 मीटर तक मलबा हटा दिया है, आगे हमारी मशीनें लगी हुई हैं और हमें शाम तक कुछ सफलता मिलने की उम्मीद है.

एस.एन. प्रधान (DG NDRF) ने कहा

एस.एन. प्रधान (DG NDRF) ने कहा कि अभी हमारा पूरा ध्यान 2.5 किलोमीटर लंबी सुरंग के अंदर फंसे हुए लोगों को बचाने पर है. सभी टीमें उसी काम में लगी हुई हैं. सुरंग में 1 किलोमीटर से ज्यादा तक की मिट्टी को हटा दिया गया है. जल्द ही हम उस स्थान तक पहुंच जाएंगे जहां पर लोग जीवित हैं.

त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि तपोवन प्रोजेक्ट का काम चल रहा था, इसमें बड़ी संख्या में श्रमिक काम कर रहे थे. अब तक 11 शव बरामद हुए हैं और 203 लोग लापता हैं. मैंने अपने मुख्य सचिव को बोला है कि यहां मौजूद ISRO के वैज्ञानिकों की मदद से ग्लेशियर टूटने के कारणों को ढूंढा जाए ताकि भविष्य में हम एहतियात बरत सके.

मौत का आंकड़ा पहुंचा 15 

उत्तराखंड के हादसे में मरने वालों का आंकड़ा 15 तक पहुंच चुका है. तपोवन में मौजूद टनल में अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.

30-40 कर्मी फंसे

अपर्णा कुमार (डीआईजी, सेक्टर हेडक्वार्टर, ITBP देहरादून) ने कहा कि बड़ी टनल को 70-80 मीटर खोला गया है, जेसीबी से मलबा निकाल रहे हैं. यहां कल से 30-40 कर्मी फंसे हुए हैं. आईटीबीपी, उत्तराखंड पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और सेना यहां संयुक्त ऑपरेशन कर रही है. क़रीब 153 लोग लापता हैं.

लापता 153 लोगों में से 10 के शव बरामद

पीटीआई की खबर के अनुसार उत्तराखंड के आपदाग्रस्त चमोली जिले में सोमवार को बचाव और राहत अभियान में तेजी आने के साथ ही कुल लापता 153 लोगों में से 10 के शव बरामद हो चुके हैं . ऋषिगंगा घाटी में हिमखंड टूटने से रविवार को अचानक आई भीषण बाढ़ से प्रभावित 13.2 मेगावाट ऋषिगंगा और 480 मेगावाट तपोवन विष्णुगाड पनबिजली परियोजनाओं में लापता हुए लोगों की तलाश के लिए सेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के जवान जुटे हुए हैं.

170 लोग अभी भी लापता

रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी ITBP की टीम की मानें तो एक सुरंग में करीब 30 लोग फंसे हैं. 300 जवान टनल साफ करने में जुटे हुए हैं. स्थानीय प्रशासन का कहना है कि करीब 170 लोग अभी भी लापता हैं. कल 12 लोग जो बचाए गए हैं, वो एक दूसरी टनल थी.

चमोली पुलिस ने जानकारी दी

चमोली पुलिस ने जानकारी दी है कि टनल में फंसे लोगों के लिए राहत एवं बचाव कार्य जारी है. जेसीबी की मदद से टनल के अंदर पहुंच कर रास्ता खोलने की कोशिश की जा रही है. अब तक कुल 15 व्यक्तियों को रेस्क्यू किया गया है और अलग-अलग स्थानों से 14 शव बरामद किए गए हैं.

सुरंग में बचाव अभियान शुरू

एसडीआरएफ ने चमोली ज़िले में तपोवन बांध के पास की सुरंग में बचाव अभियान शुरू किया.

ITBP के जवान लोगों को निकालने में लगे

ITBP के जवान तपोवन की सुरंग से लोगों को निकालने में लगे हैं. सुरंग में काफी मलबा और पानी होने की वजह से दिक्कत आ रही है. यही कारण है कि अलग-अलग तरीके से इस मिशन में जवान जुटे हुए हैं.

तपोवन की सुरंग में फंसे लोग

सोमवार सुबह तक पानी का बहाव तो काफी कम नजर आ रहा है, लेकिन कुछ स्थानों पर झील जैसी स्थिति दिख रही है. तपोवन प्रोजेक्ट के पास काफी पानी, मलबा नजर आ रहा है. यहां से करीब 16 लोगों को अभी निकालने का काम किया गया है, लेकिन काफी लोग अभी भी फंसे हैं.

8 शव बरामद

चमोली ज़िले के तपोवन के धौलीगंगा में बचाव अभियान में 8 शव बरामद हुए हैं.

16 मजदूरों को बचाया गया; 125 अब भी लापता

उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार को नंदा देवी ग्लेशियर का एक हिस्सा टूट जाने के कारण ऋषिगंगा घाटी में अचानक विकराल बाढ़ आ गई. इससे वहां दो पनबिजली परियोजनाओं में काम कर रहे कम से कम सात लोगों की मौत हो गई और 125 से ज्यादा मजदूर लापता हैं.

पनबिजली परियोजना को बड़ा नुकसान

गंगा की सहायक नदियों--धौली गंगा, ऋषि गंगा और अलकनंदा में बाढ़ से उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में दहशत फैल गयी और बड़े पैमाने पर तबाही हुई. एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगाड पनबिजली परियोजना और ऋषिगंगा परियोजना पनबिजली परियोजना को बड़ा नुकसान हुआ तथा उनके कई श्रमिक सुरंग में फंस गये.

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16 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया

तपोवन परियोजना की एक सुरंग में फंसे सभी 16 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है जबकि लगभग 125 अब भी लापता है. पारिस्थितिकी दृष्टि से संवेदनशील हिमालय क्षेत्र में रात होने और ऐसे क्षेत्र में बचाव कार्य कठिन होने से ऐसी आशंका है कि शायद उनकी मौत हो गई हों.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया

प्रभावित क्षेत्र का जायजा लेकर लौटे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देहरादून में शाम को संवाददाताओं को बताया कि अभी तक आपदा में सात व्यक्तियों के शव बरामद हुए हैं और कम से कम 125 लापता हैं. बाढ़ के रास्ते मे आने वाले मकान बह गये. निचले हिस्सों में मानव बस्तियों को नुकसान पहुंचने की आशंका हैं. कई गांव खाली करा लिये गये हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.

Posted By : Amitabh Kumar

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