Uttarakhand Glacier Burst News : उत्तराखंड जलप्रलय में अब भी गायब हैं 197 लोग, सुरंग में अब भी जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन, देखें VIDEO
Uttarakhand Glacier Burst News, 197 people missing, Chamoli deluge, rescue operation still in tunnel, see VIDEO आपदा ग्रस्त क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों से कुल 32 शव बरामद हो चुके हैं जबकि 197 अन्य लापता हैं. उत्तराखंड पुलिस ने बताया कि 32 शवों में अब तक 8 की पहचान हो गयी है, जबकि 24 शवों की पहचान नहीं हो पायी है, जिसके लिए +91 7500016666 नंबर WhatsApp पर तस्वीरें भेजी जाएंगी पहचान के लिए.
उत्तराखंड के चमोली जिले में ऋषिगंगा घाटी में आई बाढ़ में मरने वालों की संख्या मंगलवार को 32 तक पहुंच गई जबकि एनटीपीसी की क्षतिग्रस्त तपोवन-विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना की सुरंग में फंसे 30-35 लोगों को बाहर निकालने के लिए सेना सहित कई एजेंसियों का संयुक्त बचाव और राहत अभियान युद्धस्तर पर जारी है.
आपदा ग्रस्त क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों से कुल 32 शव बरामद हो चुके हैं जबकि 197 अन्य लापता हैं. उत्तराखंड पुलिस ने बताया कि 32 शवों में अब तक 8 की पहचान हो गयी है, जबकि 24 शवों की पहचान नहीं हो पायी है, जिसके लिए +91 7500016666 नंबर WhatsApp पर तस्वीरें भेजी जाएंगी पहचान के लिए. इधर एक ग्रामीण ने बताया कि 7 फरवरी को ग्लेशियर के फटने से भारी बाढ़ के कारण रैणी गांव तबाह हो गया है. कम से कम 3 ग्रामीण लापता हैं.
अपनों से मिलने की आस में सुरंग के पास ठंड में डटे हैं लोग
धौलीगंगा में रविवार को आई बाढ़ से यहां एनटीपीसी की पनबिजली परियोजना के ध्वस्त बैराज के आसपास अभी भी गाद और पानी के जमाव के कारण दलदल बना हुआ है1 हालांकि, ठंड के बावजूद अपने लापता परिजनों से मिलने की आस में लोग यहां सुबह से ही जमा हो जाते हैं1 इन लोगों ने रविवार की शाम से ही तपोवन में डेरा डाला हुआ है और हर सुबह वे तपोवन से आधा किलोमीटर की दूरी पर स्थित धौलीगंगा के किनारे चले आते हैं और वहां अपनों से मिलने के इंतजार में बैठे रहते हैं.
#WATCH: A joint team of ITBP, NDRF, SDRF & other sister agencies entered into the tunnel (being cleared off debris). Drone camera used to see the feasibility to enter beyond the cleared site inside the tunnel. Machines back on the job of clearing the slush: ITBP
(Source: ITBP) pic.twitter.com/akaqkD1sUB
— ANI (@ANI) February 9, 2021
गौरतलब है कि रविवार को ऋषिगंगा घाटी में पहाड़ से गिरी लाखों मीट्रिक टन बर्फ के कारण ऋषिगंगा और धौलीगंगा नदियों में अचानक आई बाढ़ के बाद सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल(एनडीआरएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) और राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) के जवान लगातार बचाव और राहत अभियान में जुटे हुए हैं.
इस बीच, आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर लौटे मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि सुरंग के अंदर बहुत घुमाव है जिस कारण सोमवार को अभियान में आई तेजी मंगलवार को कुछ धीमी हुई है. हांलांकि, उन्होंने कहा कि अब ड्रिल करके रस्सी के सहारे आगे पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है.
एसडीआरएफ ने कहा कि उनके तलाशी दस्ते रैंणी, तपोवन, जोशीमठ, रतूडा, गौचर, कर्णप्रयाग, रूद्रप्रयाग क्षेत्रों में अलकनंदा नदी में शवों की तलाश कर रहे हैं. इससे पहले, मुख्यमंत्री रावत ने मंगलवार सुबह क्षेत्र का हवाई सर्वेंक्षण किया और हादसे में घायल हुए लोगों से जोशीमठ के अस्पताल में मुलाकात की और उनका हालचाल जाना. ऋषिगंगा और तपोवन बिजली परियोजनाओं में काम करने वाले और आसपास रहने वाले करीब आधा दर्जन लोग आपदा में घायल हुए हैं.
Posted By – Arbind kumar mishra