उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने किया देवस्थानम बोर्ड को भंग, लंबे समय से उठ रही थी मांग
देवस्थानम बोर्ड को लेकर एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाई गई थी. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दे दी है. जिस पर हमने विचार करते हुए फैसला किया है कि हम इस अधिनियम को वापस ले रहे हैं.
Devasthanam Board News: उत्तराखंड से एक बड़ी खबर है. प्रदेश की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने देवस्थानम बोर्ड को भंग कर दिया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देवस्थानम बोर्ड को भंग किया है. उन्होंने कहा है कि प्रदेश सरकार ने चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड विधेयक वापस लेने का फैसला किया है. गौरतलब है कि दो साल पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने बोर्ड का गठन किया था.
उत्तराखंड के सीएम धामी ने कहा कि, मनोहर कांत ध्यानी के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाई थी. उस कमेटी ने भी अपनी रिपोर्ट दी है. जिस पर हमने विचार करते हुए निर्णय लिया है कि हम इस अधिनियम को वापस ले रहे हैं. आगे चल कर हम सभी से बात करते जो भी उत्तराखंड राज्य के हित में होगा उस पर कार्रवाई करेंगे.
पिछले दिनों देवस्थानम बोर्ड को लेकर विभिन्न प्रकार के सामाजिक संगठनों, तीर्थ पुरोहितों, पंडा समाज के लोगों और विभिन्न प्रकार के जनप्रतिनिधियों से बात की है और सभी के सुझाव आए हैं: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी pic.twitter.com/jl27mzimih
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 30, 2021
गौरतलब है कि, देवस्थानम बोर्ड का गठन उत्तराखंड के चार धाम केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री से जुड़े 51 मंदिरों की देखरेख करता है. लेकिन इसके गठन के बाद से ही मंदिरों के पुरोहित इसका विरोध कर रहे थे. चार धामों के तीर्थ पुरोहित ने इसके खिलाफ जमकर आंदोलन किया था, लेकिन लेकिन त्रिवेंद सरकार अपने पैसले पर अड़ी रही.
बता दें, 27 नवंबर 2019 को उत्तराखंड में चारधाम देवस्थानम प्रबंधन विधेयक को मंजूरी मिली थी. फिर जनवरी 2020 को विधेयक को राजभवन ने मंजूरी दे दी. इसके बाद से देवस्थानम बोर्ड के विरोध में पुरोहितों ने धरना. इसके बाद पुरोहित लगातार बोर्ड के विरोध में आंदोलन करते रहे. फिर नवंबर 2021 को तीर्थ पुरोहितों ने विरोध में आक्रोश रैली निकाली.
गौरतलब है कि कि, विपक्षी पार्टी कांग्रेस इस मुद्दे को खूब उछाल रही था. चुनाव प्रभारी हरीश रावत ने भी साफ कर दिया था कि अगर पार्टी सत्ता में आती है तो बोर्ड को खत्म कर दिया जाएगा. उधर, चार धाम के पुरोहितों ने भी सत्ताधारी बीजेपी के खिलाफ प्रचार अभियान तेज कर दिया था. पुरोहितों ने 15 उम्मीदवार खड़ा करने की भी बात कर रहे थे.
Posted by: Pritish Sahay