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उत्तराखंड: शुरू हुई हेमकुंड साहिब की यात्रा, एक दिन में 1000 भक्तों को इजाजत

Hemkunt Sahib Yatra उत्तराखंड में शनिवार से चारधाम यात्रा फिर से शुरू हो गई है. साथ ही सिक्‍खों के पवित्र धार्मिक स्‍थल गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब की यात्रा भी आज से विधि विधान से प्रारंभ हो गई है.

Hemkunt Sahib Yatra उत्तराखंड में शनिवार से चारधाम यात्रा फिर से शुरू हो गई है. साथ ही सिक्‍खों के पवित्र धार्मिक स्‍थल गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब की यात्रा भी आज से विधि विधान से प्रारंभ हो गई है. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, हेमकुंट ट्रस्ट के उपाध्यक्ष नरेन्द्र जीत सिंह बिन्द्रा ने बताया कि आज से श्रद्धालुओं के जाने के साथ ही हेमकुंट साहिब यात्रा फिर से शुरू हो गई. उन्होंने सभी भक्तों से ऋषिकेश में अपना पंजीकरण कराने और सुगम यात्रा के लिए पास लेने का आग्रह किया है.

गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के उपाध्यक्ष नरेन्द्र जीत सिंह बिन्द्रा ने बताया कि अभी एक दिन में केवल 1000 भक्तों को अनुमति दी जाएगी. जानकारी के मुताबिक, हेमकुंड के कपाट शनिवार सुबह 9 बजे ग्रीष्मकालीन दर्शनों के लिए खोल दिए गए हैं. कपाट खुलने पर पंच प्यारों की अगुवाई में गुरुग्रंथ साहिब को सच खंड से दरबार साहब में सुशोभित किया गया. इसके बाद हेडग्रंथी कुलवंत सिंह ने सुखमनी साहब का पाठ किया. सबद कीर्तन भाई अरविन्दर सिंह चंडीगढ़ वालों ने किया.

जानकारी के मुताबिक, पहले दिन चंडीगढ़ ,पंजाब एवं दिल्ली आदि क्षेत्रों से आये 120 भक्तों ने हेमकुंड साहिब के दर्शन किए और गुरुद्वारे में भजन कीर्तन में शामिल हुए. इससे पहले राज्‍य के मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी ने शुक्रवार को चार धाम यात्रा शुरू करने का एलान किया था. कोरोना महामारी के मद्देनजर राज्‍य सरकार ने शर्तों के साथ यात्रा शुरू करने की घोषणा की. हाईकोर्ट ने कुछ प्रतिबंधों के साथ चार धाम यात्रा की इजाजत दी है. कोर्ट ने हर भक्त या यात्री को कोविड नेगेटिव रिपोर्ट और दो वैक्सीन का सर्टिफिकेट ले जाने को भी कहा है.

राज्य सरकार के निर्देशों के मुताबिक, एक दिन में सिर्फ 1000 श्रद्धालुओं को ही हेमकुंड साहिब के दर्शन की अनुमति होगी. इसके अलावा श्रद्धालुओं को आरटी-पीसीआर निगेटिव रिपोर्ट साथ लाना अनिवार्य होगा. हेमकुंड साहिब ट्रस्‍ट के निर्देशों में स्‍पष्‍ट किया गया है कि आरटी-पीसीआर रिपोर्ट 72 घंटे से ज्‍यादा पुरानी नहीं होनी चाहिए. यह उन श्रद्धालुओं के लिए जरूरी होगा जिन्‍हें वैक्‍सीन न लगी हो. बता दें कि चारधाम की यात्रा में पड़ने वाले जिलों में अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और कोविड महामारी की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए हाई कोर्ट ने 28 जून को चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी थी.

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