गोपेश्वर (Uttarakhand news) : विश्व हिंदू परिषद और बजरंगदल ने बद्रीनाथ धाम में एक समूह द्वारा बकरीद पर नमाज पढ़ने का आरोप लगाते हुए इसका कड़ा विरोध किया है. परिषद के पदाधिकारियों ने जिले के प्रभारी और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज को ज्ञापन सौंपकर मामले में कार्रवाई की मांग की है. देर रात इस मामले कुछ लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है.
बद्रीनाथ धाम में ईद की नमाज पढ़ने की चर्चा बुधवार को तेजी से फैली. सोशल मीडिया पर भी मामला छाया रहा. विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों ने जिला मुख्यालय पहुंचे पर्यटन मंत्री से भेंट कर उन्हें ज्ञापन सौंपा. उन्होंने आरोप लगाया है कि बद्रीनाथ धाम में तीर्थ यात्रा बंद है. उन्होने कहा कि यह निहायत आपत्तिजनक है कि किसी को भी बदरीनाथ के दर्शनों की अनुमति नहीं है, लेकिन ईद की नमाज पढ़ी जा रही है.
ज्ञापन में कहा गया है कि बद्रीनाथ धाम हिंदुओं का पवित्र स्थल है. यहां पर जानबूझकर नमाज पढ़ी गई. कहा कि इससे करोड़ों हिंदुओं की भावनाएं आहत हुई हैं. बद्रीनाथ धाम में मांस मदिरा और दूसरे धर्मों की गतिविधियों पर प्रतिबंध है. उन्होंने मांग की कि इस मामले की जल्द से जल्द जांच कराकर ऐसे कार्य करने वालों के खिलाफ कठोर कर्रवाई होनी चाहिए. यदि ऐसा नहीं हुआ तो वह उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे.
चमोली के पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान ने कहा कि सोशल मीडिया पर बद्रीनाथ में नमाज पढ़ने के संदेश को भ्रामक तरीके से फैलाया जा रहा है. यह तथ्यहीन है. बताया गया कि बदरीनाथ में आस्था पथ नामक संस्था की पार्किंग का निर्माण कार्य चल रहा है. इसमें काम कर रहे एक समुदाय के लोगों द्वारा बुधवार को बकरीद पर बंद कमरे में लाउडस्पीकर का प्रयोग किए बिना और मौलवी की अनुपस्थिति में तथा कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए नमाज पढ़ी गई. मामले की जांच की जा रही है, यदि उनके द्वारा सामाजिक दूरी व अन्य कोविड नियमों का उल्लंघन करना पाया जाता है तो संबंधित के खिलाफ डीएम एक्ट (आपदा प्रबंधन) के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया जाएगा.
मामले की जांच भी शुरू कर दी गई है. जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, आगे की कार्रवाई की जाएगी. इसके बाद देर रात इस मामले में कई लोगों पर मुकदमा भी दर्ज किया गया.