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Uttarakhand: अनियंत्रित व्यवहार के लिए विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस के 15 विधायकों को किया निलंबित

Uttarakhand: अनियंत्रित व्यवहार के लिए विधानसभा अध्यक्ष ने आज कांग्रेस के 15 विधायकों को निलबित कर दिया है. जानकारी के लिए बता दें कांग्रेस विधायकों ने आज सदन में हंगामा किया और उनमें से दो विधानसभा सचिव की टेबल पर चढ़ गए .

Uttarakhand: उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी भूषण ने आज 15 कांग्रेस विधायकों को एक दिन के लिए सदन की कार्यवाही में भाग लेने से निलंबित कर दिया है. ऐसा उन्होंने इसलिए किया क्योंकि, उन्होंने हंगामा किया और उनमें से दो विधानसभा सचिव की मेज पर चढ़ गए थे, जो विपक्षी दल द्वारा लाए गए विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव को खारिज करने के उनके फैसले का विरोध कर रहे थे. बता दें बजट सत्र का आज दूसरा दिन है. इसके बाद अध्यक्ष ने दिन की कार्यवाही अपराह्न 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. सचिव की टेबल पर चढ़कर कुर्सी के करीब आने की कोशिश करना, यह एक गंभीर और अस्वीकार्य मामला है. इस तरह का अनियंत्रित व्यवहार बिल्कुल भी सही नहीं है. यदि सदस्यों को निर्णय के संबंध में किसी प्रकार की समस्या है, तो इसे संचार द्वारा हल किया जा सकता है.

विशेषाधिकार प्रस्ताव को ठुकराया

आदेश चौहान ने उधमसिंह नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश किया था. विधानसभा अध्यक्ष ने राज्य सरकार द्वारा उन्हें सौंपी गई एक रिपोर्ट के आधार पर विशेषाधिकार प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया. वहीं बजट सत्र का आज दूसरा दिन भी काफी हंगामेदार रहा और विपक्ष ने 9 फरवरी को देहरादून में प्रदर्शनकारी युवाओं पर बेरोजगारी और लाठीचार्ज पर रूल 310 (स्थगन प्रस्ताव) के तहत विधानसभा अध्यक्ष खंडूरी से चर्चा की मांग की. अध्यक्ष ने रूल 58 के तहत मामले की सुनवाई की अनुमति दी और प्रश्नकाल शुरू हुआ. कांग्रेस विधायकों ने प्रश्नकाल के दौरान सरकार को घेरने की कोशिश की और लोक निर्माण विभाग तथा पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के जवाबों पर असंतोष जताया.


राज्य सरकार के खिलाफ गन्ना लेकर विरोध प्रदर्शन

सुबह 11 बजे शुरू हुए इस कार्यवाही से पहले, कांग्रेस विधायकों ने गन्ना किसानों की कथित रूप से उपेक्षा करने और इसके न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि नहीं करने के लिए राज्य सरकार के खिलाफ गन्ना लेकर विरोध प्रदर्शन किया केवल यहीं नहीं उन्होंने विधानसभा के बाहर नारे भी लगाए. वहीं सुबह के करीबन 11:20 मिनट पर टिहरी बांध को लेकर पूछे गए सवाल पर कांग्रेस विधायक सदन के कुएं में आ गए और जमकर नारेबाजी की. अध्यक्ष रितु खंडूरी ने विधायकों को अपनी सीटों पर बैठने को कहा और कहा कि विधायक अगले प्रश्न पर आगे बढ़ने के उनके फैसले का अनादर कर रहे हैं.

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यह संविधान की हत्या

खटीमा के विधायक और विपक्ष के उपनेता भुवन चंद्र कापड़ी ने मामले पर बात करते हुए कहा- पुष्कर सिंह के नेतृत्व वाली राज्य सरकार गन्ने के MSP में बढ़ोतरी न करके किसानों को नजरअंदाज कर रही है. आज भी उत्तराखंड सरकार उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले का पालन करती है. अगर पड़ोसी राज्य में सरकार गन्ने का एमएसपी बढ़ाती है तो हमारी सरकार कहती है कि वह इस बारे में सोचेंगे. गन्ना किसानों के किसी भी बकाये का भुगतान नहीं किया गया है. यह सरकार किसान विरोधी है. राज्य कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने कहा- यह संविधान की हत्या है. निर्वाचित प्रतिनिधियों को सदन में अपनी आवाज उठाने से रोका जा रहा है.

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