जोशीमठ : चमोली आपदा में तपोवन में जल विद्युत परियोजना की सुरंग में फंसे 30 से 35 लोगों को चौथे दिन बुधवार सुबह तक भी नहीं निकाला जा सका है. राहत और बचाव टीमें दिन-रात अपने अभियान में जुटी हैं. करीब 180 मीटर लंबी सुरंग में एक किलोमीटर से अधिक दूरी तक का मलबा साफ किया जा चुका है, लेकिन अंदर फंसे लोगों तक पहुंचना बचाव दल के लिए अभी भी चुनौती बना हुआ है.
आईटीबीपी के अधिकारियों ने बताया कि टनल का मुख्य द्वार धौलीगंगा की ओर खुलता है, जिससे बार-बार नदी से पानी के साथ मलबा टनल के अंदर घुस रहा है. भारतीय नौसेना के प्रशिक्षित गोताखोर आज श्रीनगर झील में लापता लोगों की खोज करेंगे.
एनटीपीसी और अन्य निर्माण एजेंसियों के अभियंता और विशेषज्ञ परियोजना सुरंग में फंसे लोगों तक पहुंचने के लिए ढाक गांव से सुरंग को तोड़कर वैकल्पिक रास्ता बनाने की योजना बना रहे हैं. रैणी गांव के नीचे मलारी हाईवे पर बीआरओ की ओेर से वैली ब्रिज स्थापित करने के लिए मलबा हटाने का कार्य युद्घस्तर पर शुरु कर दिया गया है.
आईटीबीपी के जवान प्रभावित गांवों में राशन किट वितरित करने में लगे हुए हैं. इधर, तपोवन और रैणी क्षेत्र में अभी भी बाहरी प्रदेशों के साथ ही उत्तराखंड से लापता लोगों की ढूंढखोज में परिजन डटे हुए हैं. मायूस परिजन भी मलबे में अपनों की खोज कर रहे हैं.
उधर, मलारी हाईवे के बह जाने से अलग-थलग पड़े 13 गांवों के लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. जुग्जु और जुवा-ग्वाड़ गांव के ग्रामीणों का कहना है कि हेलीपेड गांव से करीब चार किलोमीटर दूर होने के कारण उनकी कोई सुध नहीं ली जा रही है.
दो लोग अपने घर पर सुरक्षित
चमोली तपोवन आपदा में लापता 206 लोगों में से 2 लोग अपने घर पर सुरक्षित हैं. इनमें एक राशिद सहारनपुर और दूसरा सूरज सिंह चमोली का रहने वाला है. ये दोनों अभी तक लापता लोगों की सूची में थे. ताजा रिपोर्ट के मुताबिक आपदा में 204 लोग लापता हुए थे. इनमें 32 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं.
Posted By : Rajneesh Anand