UCC लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा उत्तराखंड? धामी कैबिनेट ने यूसीसी रिपोर्ट को दी मंजूरी
यूसीसी के संबंध में कानून पारित करने के लिए 5-8 फरवरी तक विधानसभा का विशेष सत्र आहूत किया गया है. आयोग ने सिफारिश की है कि लड़कों और लड़कियों को समान विरासत का अधिकार होगा, विवाह का पंजीकरण अनिवार्य किया जाएगा और लड़कियों के लिए विवाह योग्य आयु बढ़ाई जाएगी.
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर चर्चा तेज हो गई है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में उत्तराखंड कैबिनेट ने यूसीसी रिपोर्ट को मंजूरी दे दी है. सीएम आवास सभागार में राज्य कैबिनेट की अहम बैठक में पहले यूसीसी रिपोर्ट पर गहन चर्चा हुई. फिर रिपोर्ट पेश किया गया. जिसके बाद कैबिनेट ने रिपोर्ट को अपनी मंजूरी दे दी. कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद इसे विधानसभा में पेश किया जाएगा. अगर विधानसभा से हरी झंडी मिल जाती है, तो उत्तराखंड यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा.
यूसीसी रिपोर्ट कैबिनेट के सामने की गई पेश
उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री आवास पर हुई कैबिनेट बैठक में यूसीसी रिपोर्ट को पेश किया गया. मालूम हो यूसीसी रिपोर्ट पर विधायी कार्य पूरा होने के बाद इस कैबिनेट बैठक में यूसीसी रिपोर्ट को मंजूरी दी गई. मंजूरी मिलने के बाद इसे 6 फरवरी को यूसीसी बिल विधानसभा में पेश किया जाएगा.
The Uttarakhand Cabinet approved the UCC report in the cabinet meeting being held at the Chief Minister's residence under the chairmanship of Chief Minister Pushkar Singh Dhami. pic.twitter.com/Zf1xysFMgq
— ANI (@ANI) February 4, 2024
पांच सदस्यीय समिति ने यूसीसी मसौदा रिपोर्ट धामी को सौंपी
उत्तराखंड के लिए समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के मसौदे पर शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा नहीं हो सकी थी. बैठक के बाद बताया गया था कि 740 पन्नों से अधिक की चार खंडों वाली रिपोर्ट का अध्ययन किया जा रहा है और इसके कानूनी पहलुओं की पड़ताल की जा रही है. मालूम हो शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय समिति ने यूसीसी मसौदा रिपोर्ट धामी को सौंपी.
यूसीसी कानून के लिए 5-8 फरवरी तक विधानसभा का चार-दिवसीय विशेष सत्र
यूसीसी के संबंध में कानून पारित करने के लिए 5-8 फरवरी तक विधानसभा का चार-दिवसीय विशेष सत्र आहूत किया गया है. आयोग ने सिफारिश की है कि लड़कों और लड़कियों को समान विरासत का अधिकार होगा, विवाह का पंजीकरण अनिवार्य किया जाएगा और लड़कियों के लिए विवाह योग्य आयु बढ़ाई जाएगी, ताकि वे शादी से पहले स्नातक तक की पढ़ाई कर सकें.
क्या है समान नागरिक संहिता
समान नागरिक संहिता राज्य में सभी नागरिकों के लिए एक समान विवाह, तलाक, भूमि, संपत्ति और विरासत कानूनों के लिए एक कानूनी ढांचा प्रदान करेगी, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो.
गोवा में पुर्तगाली शासन के समय से ही लागू है यूसीसी
यूसीसी लागू होने पर उत्तराखंड आजादी के बाद इसे अपनाने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा. गोवा में पुर्तगाली शासन के समय से ही यूसीसी लागू है.
सभी को गोद लेने का अधिकार मिलेगा
सूत्रों ने कहा कि सिफारिशों में यह भी कहा गया है कि सभी को गोद लेने का अधिकार मिलेगा. यहां तक कि मुस्लिम महिलाओं को भी गोद लेने का अधिकार होगा और इसकी प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा. हलाला और ‘इद्दत’ की प्रथाओं पर प्रतिबंध लगाया जाएगा. इसके अलावा, ‘लिव-इन रिलेशनशिप’ के बारे में जानकारी देना अनिवार्य होगा.