14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बीते पांच साल में 20 बार ढह चुका है सिल्क्यारा सुरंग! इस बार क्यों हुई इतनी परेशानी

Uttarakhand Silkyara Tunnel Collapse: इस रेस्क्यू ऑपरेशन में कई बाधाएं आई लेकिन, अलग-अलग टीमों के प्रयास से इस अभियान में सफलता हाथ लगी. लेकिन, अब एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आ रही है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है.

Uttarakhand Silkyara Tunnel : 12 नवंबर को उत्तरकाशी के सिल्क्यारा-बरकोट सुरंग में एक हादसा हुआ. सुरंग में जहां खुदाई हो रही थी वहां अचानक दरार आई और बड़ा हिस्सा ढहने की वजह से मलबे से पूरा सुरंग ढक गया. इस हादसे में कुल 41 मजदूर सुरंग में फंस गए. 17 दिनों के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद उन्हें बाहर निकाला गया. इस रेस्क्यू ऑपरेशन में कई बाधाएं आई लेकिन, अलग-अलग टीमों के प्रयास से इस अभियान में सफलता हाथ लगी. लेकिन, अब एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आ रही है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है.

निर्माण के दौरान करीब 20 हादसे यहां हुए

बता दें कि यह सुरंग कुल 4.5 किलोमीटर लंबा है. बताया जाता है कि यह चार धाम ऑल-वेदर रोड परियोजना पर सबसे लंबी सुरंग है. हालांकि, बीते पांच साल में इस तरह की कई घटनाएं यहां हुई है. परियोजना की देखरेख करने वाले पीएसयू, राष्ट्रीय राजमार्ग अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के निदेशक (प्रशासन और वित्त) अंशू मनीष खलखो ने जानकारी देते हुए बताया है कि निर्माण के दौरान करीब 20 हादसे यहां हुए है. हालांकि, वह हादसे काफी छोटे रहे है और कोई मजदूर वहां फंसा नहीं है.

जानें क्यों हुई इतनी परेशानी

साथ ही उन्होंने सुरंग ढहने की घटना को सामान्य बताते हुए कहा है कि ऐसी घटनाएं हर सुरंग निर्माण परियोजना के दौरान होती हैं लेकिन इस बार हम बदकिस्मत थे कि मजदूर वहां फंस गए. खलखो ने आगे कहा, सुरंग ढहने की घटनाएं, जिन्हें ‘गुहाओं’ के रूप में भी जाना जाता है, सिल्क्यारा की तरफ और सुरंग के बारकोट छोर दोनों पर हुईं, उन्होंने कहा कि “सिल्कयारा की तरफ की तुलना में बरकोट की तरफ अधिक ढह गईं”. उन्होंने आगे कहा कि सिल्क्यारा छोर से सुरंग के मुहाने के अंदर 160 से 260 मीटर (जिसे चेनेज भी कहा जाता है) के क्षेत्र को भंगुर चट्टानों वाले ‘रेड जोन’ या ‘शियर जोन’ के रूप में पहचाना गया था.

Also Read: ‘भारत अब भी दोस्त, लेकिन हत्या की साजिश का आरोप बहुत गंभीर’, बोले जॉन किर्बी
अतिरिक्त सुरक्षात्मक उपाय किए जाएंगे

आगे उन्होंने मीडिया एजेंसी टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा कि इस घटना के बाद अब सुरंग के उस क्षेत्र को सुदृढ़ करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षात्मक उपाय किए जाएंगे. सुरंग के निर्माण कार्य में जुड़े एक अन्य अधिकारी ने भी इस मामले पर कहा है कि सुरंग निर्माण के दौरान इलाके की चुनौतीपूर्ण भूविज्ञान और जरुरी चट्टान टूटने की वजह से कई जगहों पर ऐसी घटनाएं सामने आई है.

सभी मजदूर फिट, घर जाने के लिए तैयार

इधर, उत्तरकाशी जिले की सिलक्यारा सुरंग से निकाले गए सभी 41 श्रमिक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में हुई चिकित्सकीय जांचों में स्वस्थ पाए गए और उन्हें घर जाने की अनुमति दे दी गयी जिसके बाद कई श्रमिक अपने घरों के लिए रवाना हो गए हैं. एम्स प्रशासन ने यहां मीडिया को बताया कि सभी श्रमिक चिकित्सकीय जांच में स्वस्थ पाये गये हैं और उन्हें घर जाने की अनुमति दे दी गई है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें